Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024

आज के शुभ मुहूर्त

(सप्तमी तिथि)
  • तिथि- मार्गशीर्ष कृष्ण सप्तमी
  • शुभ समय- 7:30 से 10:45, 12:20 से 2:00 तक
  • राहुकाल-प्रात: 10:30 से 12:00 बजे तक
  • व्रत/दिवस-झलकारी बाई ज., दुर्गादास राठौर दि.
webdunia
Advertiesment

रोहिणी व्रत क्यों किया जाता है, 31 अगस्त रोहिणी व्रत पर करें 5 काम

हमें फॉलो करें Rohini Vrat
मंगलवार, 31 अगस्त 2021 जैन धर्म में महत्वपूर्ण माना गया रोहिणी व्रत किया जा रहा है। यह व्रत हर माह किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार 27 नक्षत्रों में से एक नक्षत्र रोहिणी भी है। जब रोहिणी नक्षत्र सूर्योदय के बाद प्रबल होता है, उस दिन यह व्रत किया जाता है।


इस दिन भगवान वासुपूज्य का पूजन पूरे विधि-विधान के साथ किया जाता है। यह व्रत महिलाएं और पुरुष दोनों ही कर सकते हैं। जैन समुदाय की मान्यताओं के अनुसार यह व्रत करने से विशेष फल प्राप्त होता है। आत्मा के विकार दूर करने तथा कर्म बंधन से छुटकारा पाने के लिए रोहिणी व्रत करना बहुत खास माना गया है। 
 
जैन धर्म के बारहवें तीर्थंकर के रूप में भगवान वासुपूज्य को जाना जाता है। वासुपूज्य स्वामी का जन्म फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को चम्पापुरी के इक्ष्वाकु वंश में हुआ था। माता का नाम जया देवी और पिता का नाम राजा वसुपूज्य था। भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी तिथि को ही वासुपूज्य स्वामी को चम्पापुरी में निर्वाण प्राप्त हुआ था।  
 
रोहिणी व्रत के दिन करें ये 5 काम- 
 
1. रोहिणी व्रत के दिन पूजन के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पूरे घर की साफ-सफाई करने के बाद दैनिक क्रियाओं से निवृत्त होकर गंगाजल युक्त पानी से स्नान करने बाद व्रत का संकल्प लें। पूजन से पहले आमचन कर अपने आप को शुद्ध करें। इस दिन भगवान वासुपूज्य की पांचरत्न, ताम्र या स्वर्ण की प्रतिमा की स्थापना करके विधिपूर्वक पूजन-अर्चन करें। 
 
2. इस दिन गरीबों को दान देने का काफी महत्व है। अत: अपने सामर्थ्य के अनुसार दान अवश्य करें। जैन धर्म में रात्रि भोजन करने की मनाही है। अत: इस व्रत को करने वाले श्रावक को सूर्यास्त से पूर्व फलाहार कर लेना चाहिए।
 
3. रोहिणी व्रत आत्मा के विकारों को दूर करने, कर्म बंध से छुटकारा देने वाला माना गया है। यह व्रत करने से मनुष्य के अंदर शुद्धता आती है और वह अच्छे कार्य करने के लिए प्रेरित होता है। यह मोक्ष प्राप्ति देने वाला व्रत है। अत: इस दिन व्रतधारी को भूखे रहकर भगवान से जाने अनजाने में हुई अपनी सभी गलतियों के लिए क्षमा मांगनी चाहिए। किसी का बुरा सोचना अथवा किसी का बुरा नहीं करना चाहिए। क्रोध नहीं करना चाहिए और जैन धर्म के सिद्धांतों को जीवन में अमल करके हर जीव के प्रति अहिंसा का भाव रखना चाहिए।
 
4. इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु एवं अच्छे स्वास्थ्य के लिए रोहिणी व्रत करती हैं। अत: इस दिन भगवान वासुपूज्य के पूजन के बाद सच्चे मन से सुख, शांति और समृद्धि के लिए भी प्रार्थना करनी चाहिए।
 
5. भगवान वासुपूज्य और माता रोहिणी के आशीर्वाद से इस व्रत के फलस्वरूप पुराने कर्ज और घर की गरीबी दूर होकर सदैव घर में देवी लक्ष्मी का वास हो जाता है। इसीलिए महिलाओं एवं पुरुषों को चाहिए कि वे हर तरह के बुरे भावों जैसे ईर्ष्या, द्वेष, किसी के प्रति जलन आदि के विचार अपने मन में आने दें और धैर्यवान तथा सहनशील बनने के लिए आध्यात्मिक अनुशासन को मन में धारण करके इस व्रत को करें, ता‍कि अच्छा स्वास्थ्य, सुख-शांति और जीवन में चल रही आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिल सके।  

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

31 अगस्त 2021 : आपका जन्मदिन