Youtube CEO : यूट्यूब एक वीडियो प्लेटफॉर्म है। इसे सभी लोग जानते हैं। हाल ही में यूट्यूब के सीईओ सुसान वोजसिकी ने अपना पद छोड़ने की घोषणा की है। अब यूट्यूब के नए सीईओ भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक नील मोहन होंगे। कौन हैं ये नील मोहन, जानिए इनके बारे में कुछ ख़ास बातें।
नील मोहन जो कि एक भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक हैं। वह अब अल्फाबेट कंपनी (Alphabet Company) के स्वामित्व वाले वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म यूट्यूब (video streaming platform youtube) के सीईओ (CEO) का पद संभालेंगे। इससे पहले यूट्यूब (Youtube) की सीईओ पोलिश मूल की अमेरिकी सुसान वोजसिकी (Susan Wojcicki) थीं। हाल ही में गुरुवार को सुसान वोजसिकी ने अपना पद छोड़ने की घोषणा की थी।
इसी के साथ ही 16 फरवरी 2023 को अल्फाबेट कंपनी के सीईओ सुंदर पिचाई (Sundar Pichai) ने ट्विटर (twitter) पर ट्वीट कर सुसान वोजसिकी का आभार व्यक्त किया और कहा "Google और YouTube के लिए सुसान वोजिकी ने जो कुछ किया है, उसे एक ट्वीट में व्यक्त करना असंभव है। वर्षों से आपके नेतृत्व, अंतर्दृष्टि और दोस्ती के लिए बहुत आभारी हूं, धन्यवाद सुसान!"
गौरतलब हैं कि सुसान वोजसिकी ने 25 साल गूगल (Google) में काम किया है और उनमें से 9 साल वह यूट्यूब की सीईओ रही हैं। साथ ही यूट्यूब के नए सीईओ नील मोहन भी गूगल के साथ काफी लंबे समय से जुड़े हुए हैं और उन्होंने यूट्यूब टीवी (Youtube TV), यूट्यूब म्यूजिक (Youtube Music), यूट्यूब प्रीमियम (youtube Premium) और शॉर्ट्स (shorts) जैसे कई बड़े प्रोजेक्ट में मुख्य भूमिका निभाई है। चलिए जानते हैं नील मोहन से जुड़े ऐसे ही कुछ 5 रोचक बातें-
1. 49 वर्षीय नील मोहन ने इलेक्ट्रिक इंजीनियर में अपनी ग्रेजुएशन स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी, कैलिफ़ोर्निया (Standford University, Califronia) से की और वह 2015 से यूट्यूब के चीफ प्रोडक्ट अफसर का पद संभाल रहे हैं।
2. नील मोहन ने अपने करियर की शुरुआत 1996 में आयरिश मूल की अमेरिकी कंपनी Accenture से की थी। साथ ही वह एक विज्ञापन कंपनी डबलक्लिक (DoubleClick) के स्टार्टअप नेट ग्रेविटी (Net Gravity) में शामिल हुए थे।
3. 2007 में डबल क्लिक (DoubleClick) को गूगल द्वारा खरीद लिया गया जिसमे नील मोहन ने गूगल के विज्ञापन प्रोडक्ट जैसे Adsense और Adwords में मुख्य भूमिका निभाई।
4. इसके साथ ही नील मोहन को ट्वीटर से भी नौकरी का ऑफर आया पर गूगल ने ये बात जानने के बाद उनको बोनस देने की घोषणा कर दी। गूगल ने बोनस के ज़रिए नील मोहन को 3 साल तक रोक लिया था और उन्हें 544 करोड़ रूपए का बोनस भी दिया गया था।
5. इससे पहले मोहन ने एक अमेरिकी स्टाइलिंग सर्विस कंपनी स्टिच फिक्स (Stitch Fix) और एक बायोटेक कंपनी 23andme में भी काम किया है।