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हफ्ते में 3 घंटे से ज्यादा वीडियो गेम नहीं खेल सकेंगे बच्चे, क्या सही है फैसला, जानिए एक्सपर्ट्‍स की राय

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, शनिवार, 4 सितम्बर 2021 (19:05 IST)
कॉलेज स्टेशन (अमेरिका)। वीडियो गेम में लग रहे युवाओं के समय घटाने की कोशिश के तहत चीन ने स्कूल के दिनों में छात्रों के वीडियो गेम खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया है और केवल शुक्रवार, सप्ताहांत और छुट्टियों में ही एक घंटे वीडियो गेम खेलने की अनुमति दी है। यह नया नियम 1 सितंबर 2021 से प्रभावी हो गया है।

एक वीडियो गेम डिजाइनर और वीडियो गेम आधारित अध्ययन में विशेषज्ञता प्राप्त विद्वान के नाते मेरे विचार से विद्यार्थियों को स्कूल के दिनों में वीडियो गेम खेलने का समय सीमित नहीं करना चाहिए। इसके बजाय मैं इसे बढ़ाने की जरूरत महसूस करता हूं और नियमित तौर पर स्कूल के दिनों में खेलने देने के पक्ष में हूं।

वीडियो गेम हमारे दौर के सबसे लोकप्रिय माध्यमों में से एक है। एक अनुमान के मुताबिक वर्ष 2025 में वीडियो गेम का वैश्विक बाजार 268.8 अरब डॉलर का होगा जो वर्ष 2021 के 178 अरब डॉलर के बाजार के मुकाबले उल्लेखनीय वृद्धि है।

खेलों पर व्यय होने वाला पैसा केवल वास्तविक दुनिया से बचने के लिए आभासी माध्यम ही मुहैया नहीं कराता। लंबे समय से साक्षरता के प्राध्यापक रहे जेम्स पॉल गी जैसे विद्वानों ने बार-बार कहा है कि वीडियो गेम का इस्तेमाल के-12 कक्षा में पढ़ाने के लिए किया जा सकता है। शिक्षा पर लिखने वाले ग्रेग टोप्पो ने आलोचकों से प्रशंसा बटोरने वाली अपनी किताब 'द गेम बिलीव्ज इन यू : हॉउ डिजिटल प्ले कैन मेक यूअर किड्स् स्मार्टर' में भी यही निष्कर्ष निकाला है।

एक लंबा इतिहास
कक्षा में वीडियो गेम का इस्तेमाल नया नहीं है। बहुत से लोग जो वर्ष 1970 के दशक से 1990 के दशक के बीच स्कूलों में गए थे, वे लोकप्रिय वीडियो गेम ‘दि ओरेगन ट्रायल’ को याद कर सकते हैं, जिसकी शुरुआत 1971 में हुई थी।

उस खेल में खिलाड़ी लुईस और क्लार्क के नक्शेकदम पर चलते हुए मिडवेस्ट में बसने वालों के एक समूह का नेतृत्व करते हैं। यह खेल वर्ष 1972 में वीडियो गेम पोंग के आने के साथ स्थापित वीडियो गेम उद्योग से पहले आया था। पोंग टेबल टेनिस का इलेक्ट्रॉनिक संस्करण था।

यहां तक शैक्षणिक वीडियो का इस्तेमाल गत 50 साल से कक्षाओं में किया जा रहा है। कई अनुसंधानों में यह तथ्य सामने आया है कि शैक्षणिक वीडियो गेम प्रभावी हो सकते हैं। इसके बावजूद आमतौर पर कक्षाओं में उनका इस्तेमाल नहीं होता है।

दि ओरेगन ट्रायल के बाद कई और शैक्षणिक खेल जारी किए गए। इनमें से कुछ लोकप्रिय खेल हैं ‘वेयर इन द वर्ल्ड इज कारमेन सैनडियागो?’, ‘मैथ ब्लास्टर’, ‘जूमबिनिस’, ‘आईसिविक्स’, ‘ड्रैगनबॉक्स अलजब्रा’ और ‘हिस्ट्री मेकर वीआर।’ इनमें से अधिक खेल शुरुआती कक्षाओं के लिए हैं। यहां पांच कारण हैं जिनकी वजह से मैं मानता हूं कि कक्षा में वीडियो गेम का इस्तेमाल किया जाना चाहिए...

1. वीडियो गेम विद्यार्थियों को ‘स्टेम’ (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित विषय) में रहने में मदद कर सकते हैं। वर्ष 2020 में (अमेरिकी) राष्ट्रपति के विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर गठित सलाहकार परिषद ने पाया कि देश में भविष्य के लिए स्टेम कार्यबल बनाने की जरूरत है। विद्यार्थियों के इन विषयों को छोड़ने या विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित पाठ्यक्रमों से दूर रहने की वजह से कैलकुलस जैसे परिचयात्मक पाठ्यक्रमों में कठिनाई का सामना करना है।

ओकलाहोमा विश्वविद्यालय ने कैलकुलस खेल विकसित किया है जो विद्यार्थियों को कलन में सफल होने में मदद कर सकते हैं। अनुसंधान में सामने आया है कि उद्देश्य के साथ तैयार अध्ययन खेल जैसे वेरिएंट : लिमिट्स (एक अन्य खेल जिसे टेक्सास ए एंड एम विश्वविद्यालय ने विकसित किया) से विद्यार्थी कला में पारंगत हो सकता है।

2. वे प्रायोगिक अध्ययन मुहैया कराते हैं
आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन के मुताबिक 21वीं सदी के कौशल के लिए विद्यार्थियों में समस्या के समाधान के लिए नवोन्मेषी तरीके, भविष्य के कार्यबल के लिए अहम है। ड्रैगनबॉक्स अलजब्रा जैसे खेल हैं, जहां पर विद्यार्थी गणित के प्रश्नों को आनंद के माहौल में हल करते है और इससे विद्यार्थी को आलोचनात्मक सोच जैसे कौशल विकसित करने में मदद मिल सकती है।

सिविलाइजेशन जैसे खेल का खिलाड़ी सामाजिक नेता बन सकता है और देश को समृद्धि की ओर ले जा सकता है। विद्यार्थी कार्य करते हुए अध्ययन कर सकता है और प्रायोगिक आधार पर कुशलता और ज्ञान प्राप्त कर सकता है जो पांरपरिक कक्षाओं में संभवत: प्राप्त नहीं हो सकती।

3. खिलाड़ी असफलता से सीखता है
खेल प्राकृतिक तरीका है जिसमें विद्यार्थी को सुरक्षित तरीके से असफल होता है और अपनी असफलता से सीखता है और जबतक सफल नहीं हो जाता कोशिश करता है। कुछ खेल जैसे बर्नआउट पैराडाइज असफलता को भी मस्ती में तब्दील कर देते हैं। इस खेल में खिलाड़ी कार दुर्घटनाग्रस्त कर सकता है और जितनी शानदार दुर्घटना होगी उतने ही अधिक अंक मिलेंगे। इससे खिलाडी को अपनी गलती से सीखने को मिलता है और सही करने तक कोशिश करने का मौका देता है।

दिवंगत वीडियो गेम सिद्धांतकार एवं लेखक जेसपर जुल ने अपनी किताब ‘द आर्ट ऑफ फेल्यर’ में लिखा कि वीडियो गेम में हारना खेल में संलग्न रहने का हिस्सा है। खेल में हारना खिलाड़ी के मन में अधूरेपन का भाव लाता है और खिलाड़ी तुरंत खुद को तैयार करते हैं और अपनी कुशलता में सुधार लाते हैं।

4. विद्यार्थी सामग्री से जुड़े रहते हैं
विद्यार्थी कक्षा के लिए निर्धारित समय के औसतन 60 प्रतिशत हिस्से का ही इस्तेमाल अध्ययन के लिए करते हैं। विद्यार्थी को पढ़ने के लिए अधिक समय देने के लिए स्कूल की अवधि बढ़ाने का आंशिक प्रभाव देखा गया है। अध्ययन के समय को अधिकतम उपयोगी बनाने का सबसे प्रभावी तरीका है कि कार्य में विद्यार्थी को संलग्न रखा जाए। जब विद्यार्थी रुचि लेता है और विषय एवं उसकी प्रासंगिकता पर ध्यान देता है, तब वह उत्सुक और जुड़ा रहता है। इससे कहीं बेहतर अध्ययन अनुभव प्राप्त होगा।

कक्षा में शिक्षक विद्यार्थियों को संलग्न रखते हैं लेकिन जब गृहकार्य की बात आती है तो शिक्षा प्रदाता विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के अन्य तरीको पर निर्भर होते हैं। इनमें से एक खेल है। शैक्षणिक खेल विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने और संबद्ध रखने के लिए डिजाइन किया जा सकता है जिसमें विद्यार्थियों को सवाल के साथ अधिक संबद्ध होने का समय हो।

5. खेल जटिल ज्ञान को भी मजेदार बनाते हैं
शैक्षणिक सिद्धांतों में कहा गया है कि विद्यार्थियों को ज्ञान नहीं दिया जा सकता, वे स्वयं ज्ञान का निर्माण अपने दिमाग में करते हैं। विद्यार्थी पूर्व में पढ़े सिद्धातों का इस्तेमाल उससे अगले चरण और अधिक जटिल ज्ञान के लिए स्वयं करता है।

पीरियोडिक टेबल में दर्ज तत्वों को याद करना कई विद्यार्थियों के लिए चुनौतीपूर्ण होता है। हालांकि,27,624 मूल्यों के साथ जटिल त्रिआयामी मैट्रिक्स को याद करना माध्यमिक स्कूल में पढ़ने वाले उन विद्यार्थियों के लिए आसान होता है जो लोकप्रिय वीडियो गेम पोकेमोन खेलते हैं।

इस खेल का सार है कि कैसे अन्य पोकेमोन के साथ लड़ते हुए 17 तरीके के हमलों के मेल का इस्तेमाल करना है। प्रत्येक पोकेमोन एक या दो तरह के हमले का इस्तेमाल कर सकता है। खिलाड़ी को संभावित मेलों का अध्ययन 27,624 प्रवेशिका वाले टेबल देखकर नहीं करना होता है बल्कि खेलने के आधार पर याद करना होता है। इस खेल के जरिए विद्यार्थी धीरे-धीरे खेल की गहरी जानकारी प्राप्त करता है और मूल कौशल जैसे साक्षरता, कैसे अनुग्रह और खेल भावना के साथ मुकाबला करे, अमूर्त विचार का विकास करता है।

पोकेमोन को शैक्षणिक खेल के तौर पर विकसित नहीं किया गया था, लेकिन इसका डिजाइन सिद्धांत (अन्य लोकप्रिय खेलों के) का इस्तेमाल बेहतर शैक्षणिक अनुभव बढ़ाने वाले एवं कक्षा में इस्तेमाल होने वाले खेलों को डिजाइन करने में किया जा सकता है।(द कन्वरसेशन)

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