लखनऊ सुपर जाएंट्स एक बार फिर एलिमिनेटर तक ही पहुंच सकी और 81 रनों की बड़ी हार झेलकर इस सत्र से बाहर हो गई। पिछले सत्र में भी लखनऊ की टीम एलिमिनेटर तक ही पहुंच सकी थी। केएल राहुल के चोटिल होने के बाद क्रुणाल पांड्या ने टीम को एलिमिनेटर तक तो पहुंचा दिया लेकिन इसके बाद वह आगे नहीं जा सके।
हालांकि इस हार में भी शायद लखनऊ सुपर जाएंट्स को अपनी पुरानी समस्या से निजात पाने का अवसर मिल गया है। ऐसा अंदेशा है कि अगले सत्र में भी क्रुणाल पांड्या को ही कप्तान बनाए रखे क्योंकि केएल राहुल का फॉर्म इस सत्र में खासा खराब रहा।
बैंगलोर के खिलाफ केएल राहुल शुरुआत में ही चोटिल होकर मैच से बाहर हो गए थे और अंत में बल्लेबाजी करने उतरे थे। इस मैच के बाद क्रुणाल पांड्या की कप्तानी में लखनऊ ने 5 में से 3 मैच जीते और 2 मैच हारे।
केएल राहुल और क्रुणाल पांड्या की स्ट्राइक रेट रही समान
अगर केएल राहुल के बल्लेबाजी प्रदर्शन पर निगाह डाली जाए तो उन्होंने 9 मैचों में 34 की औसत और 113 की स्ट्राइक रेट से 274 रन बनाए हैं। इसमें से उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 74 रन रहा है।
क्रुणाल पांड्या का प्रदर्शन वैसे तो राहुल से नीचे है लेकिन क्योंकि वह बल्लेबाजी में नीचे आते हैं इस कारण उन्होंने 15 मैचों में 18 की औसत और 113 की स्ट्राइक रेट से 188 रन बनाए हैं। इसमें से उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 49 रन रहा है। गौरतलब है कि क्रुणाल की स्ट्राइक रेट राहुल जितनी ही है।
इसके अलावा क्रुणाल ने 9 विकेट भी झटके हालांकि वह 252 गेंदो में 313 रन लुटा बैठे, जिससे उनकी इकॉनोमी 7.45 और औसत 34 का हो गया। क्रुणाल पांड्या ने एक बेहतर कप्तान होने के नाते एलिमिनेटर में हार की जिम्मेदारी भी अपने कंधे पर ली।
कृणाल ने मुंबई इंडियन्स के खिलाफ हार की जिम्मेदारी ली
लखनऊ सुपरजाइंट्स के कप्तान कृणाल पंड्या ने इंडियन प्रीमियर लीग के एलिमिनेटर मुकाबले में बुधवार को यहां मुंबई इंडियन्स के खिलाफ 81 रन की हार की जिम्मेदारी अपने ऊपर ली। मुंबई के 183 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए सुपरजाइंट्स की टीम मधवाल (पांच रन पर पांच विकेट) की धारदार गेंदबाजी के सामने 16.3 ओवर में 101 रन पर सिमट गई। मार्कस स्टोइनिस (40) के अलावा सुपरजाइंट्स का कोई और बल्लेबाज टिककर नहीं खेल पाया। टीम के तीन बल्लेबाज रन आउट हुए।
मुंबई ने इससे पहले कैमरन ग्रीन (41) और सूर्यकुमार यादव (33) की उम्दा पारियों और दोनों के बीच तीसरे विकेट की 38 गेंद में 66 रन की साझेदारी से आठ विकेट पर 182 रन बनाए। तिलक वर्मा (22 गेंद में 26) और निहाल वढेरा (12 गेंद में 23) ने उपयोगी पारियां खेली।
सुपरजाइंट्स की टीम दो विकेट पर 69 रन बनाकर अच्छी स्थिति में थी लेकिन इसके बाद कृणाल ने पीयूष चावला की गेंद पर खराब शॉट खेलकर अपना विकेट गंवाया और फिर टीम ने लगातार विकेट गंवाए।कृणाल ने स्वीकार किया कि उन्हें वह शॉट नहीं खेलना चाहिए था। उन्होंने मैच के बाद कहा, हम वास्तव में अच्छी स्थिति में थे। सब कुछ तब शुरू हुआ जब मैंने वह शॉट खेला था… वह शॉट नहीं खेलना चाहिए था और मैं पूरी तरह से दोष अपने ऊपर लेता हूं।
कृणाल ने कहा कि विकेट में कोई समस्या नहीं थी, बस उनकी टीम बेहतर बल्लेबाजी नहीं कर पाई।उन्होंने कहा, विकेट दोनों पारियों में समान खेला। हमें बस बेहतर बल्लेबाजी करनी थी।क्विंटन डिकॉक को इस मैच में नहीं खिलाने के फैसले पर कृणाल ने कहा, यहां काइल (मायर्स) का रिकॉर्ड बेहतर था (डिकॉक की तुलना में)। हमें बस लगा कि हम काइल के साथ जा सकते हैं।