नई दिल्ली। लगता है सुरेश रैना (Suresh Raina) और आईपीएल (IPL) फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपर किंग्स (Chennai Super Kings) के बीच विवाद का पटाक्षेप हो चुका है, यही कारण है कि अपने फूफा की हत्या के बाद अचानक दुबई से वापस लौटे रैना ने बुधवार को यू-टर्न लेते हुए हथियार डाल दिए हैं। शायद उन्हें डर था कि इस विवाद में कहीं उन्हें सीएसके से मिलने वाले 12.5 करोड़ की रकम गंवानी नहीं पड़ जाए।
यह भी साफ नजर आ रहा है कि सीएसके के मालिक एन. श्रीवासन (N. Srinivasan) की तल्ख टिप्पणी के बाद उनका मन बदला है। यही कारण है कि रैना ने श्रीनिवासन को पितातुल्य बता डाला। याद रहे कि टीम मालिक रैना के अचानक लौटने से बेहद खफा थे। उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा था कि इस फैसले से रैना को बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
बुधवार को सुरेश रैना ने भारत लौटने के कारणों को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह पूरी तरह से निजी फैसला था और वह अपने परिवार के कारण भारत लौटे थे। उन्होंने कहा, 'मेरे परिवार में कुछ ऐसा हुआ था, जिसके लिए मेरा लौटना बहुत जरूरी था। चेन्नई सुपर किंग्स टीम भी मेरा परिवार है और माही भाई मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। मेरे लिए यह फैसला लेना बहुत मुश्किल था।'
रैना ने कहा, सीएसके और मेरे बीच कोई मतभेद नहीं है। कोई भी 12.5 करोड़ रुपए से मुंह फेरकर बिना ठोस कारण के वापस नहीं लौटेगा। मैं भले ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुका हूं लेकिन मैं अभी भी युवा हूं और अगले 4-5 वर्षों तक आईपीएल में उनके लिए खेलना चाहता हूं।
उन्होंने अपने टीम मालिक श्रीनिवासन की कड़ी प्रतिक्रिया को लेकर कहा, जब उन्होंने (श्रीनिवासन) यह प्रतिक्रिया दी थी, तब वह मेरे वापस लौटने का असली कारण नहीं जानते थे। जब उन्हें असली कारण के बारे में पता चला, तब उन्होंने मुझे एक संदेश भी भेजा। हमने इसके बारे में बातचीत की। सीएसके और मैं इस मुद्दे को छोड़कर आगे बढ़ना चाहते हैं।
रैना ने सीएसके के साथ अपने भविष्य पर कहा, मैं क्वारंटीन के दौरान भी प्रशिक्षण ले रहा था। आप नहीं जानते कि आप मुझे फिर से वहां कैम्प में देख भी सकते हैं।
रैना ने पहली बार जैव सुरक्षा वातावरण में खेलने को लेकर कहा, टीम प्रबंधन और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) सभी को सुरक्षित रखने के लिए बहुत सराहनीय कार्य कर रहा है। ऐसी स्थिति पहले कभी नहीं आई थी और यह हर किसी के लिए नया माहौल है। यह अत्यधिक सुरक्षित वातावरण है और कोई भी कहीं भी नहीं जा सकता है। हम सभी हमारे कमरों के अंदर थे और बाहरी लोगों के साथ संपर्क में नहीं थे। प्रत्येक 2 दिन पर कोरोना वायरस की जांच हो रही थी।
उन्होंने जैव सुरक्षा वातावरण में सहज महसूस नहीं कर पाने की रिपोर्टों पर कहा, घर में मेरा एक युवा परिवार है और मुझे इस बात की चिंता थी कि अगर मुझे कुछ हो गया तो उनका क्या होगा? मेरे लिए मेरा परिवार सबसे महत्वपूर्ण है और वर्तमान समय में मुझे वास्तव में उनकी चिंता है। मैंने अपने बच्चों को 20 दिनों से अधिक समय से नहीं देखा है। वापस लौटने पर भी मैं उनसे नहीं मिल पाया हूं क्योंकि मैं क्वारंटीन में हूं।
रैना ने अपने फूफा के साथ घटी दुर्भाग्यपूर्ण घटना को लेकर कहा, पठानकोट की घटना भयानक थी और हमारे परिवार के सभी लोग इससे बहुत परेशान हैं। यह मेरी जिम्मेदारी थी कि मैं वापस आकर उनका ख्याल रखूं। लेकिन जब से मैं यहां लौटा हूं क्वारंटीन में हूं। मुझे अभी भी मेरे माता-पिता और मेरी बुआ से मिलना बाकी है।
उन्होंने सीएसके के कई सदस्यों के कोरोना संक्रमित होने को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा, यह बहुत परेशान करने वाली चीज है। यह बहुत ही घातक बीमारी है और अगर इतनी सावधानियों के बाद भी स्टाफ संक्रमित हो जा रहे हैं तो समझ में आता है कि यह कितना बुरा साबित हो सकता है। यह किसी के साथ भी हो सकता है। मैं उम्मीद करता हूं कि सभी जल्द स्वस्थ हो जाएंगे। (इनपुट वार्ता)