हैदराबाद। कोच महेला जयवर्धने का मानना है कि टीम में कई मैच विजेताओं की मौजूदगी और ‘ईमानदारी’ के साथ टीम का चयन मुंबई इंडियन्स के लगातार सफलता हासिल करने का राज है।
मुंबई इंडियन्स आईपीएल इतिहास की सबसे सफल टीम है और श्रीलंका के इस पूर्व दिग्गज खिलाड़ी ने कहा कि उन्होंने टीम में ‘सफलता की संस्कृति’ तैयार करने के लिए कड़ी मेहनत की है।
पिछले साल टीम के लिए मयंक मार्कंडेय ने अच्छा प्रदर्शन किया था जबकि मौजूदा सत्र में राहुल चाहर ने उनकी जगह की और भरोसे पर खरा उतरते हुए कुछ मैचों में मैच विजयी प्रदर्शन किया।
चोटिल लसिथ मलिंगा पिछले सत्र में टीम के मेंटर थे लेकिन इस सत्र में वह मुख्य गेंदबाजों में से एक थे। टीम ने इसके अलावा युवा ईशान किशन को मौका देने के लिए अनुभवी युवराज सिंह को बाहर करने में भी हिचक नहीं दिखाई।
इसके अलावा कप्तान रोहित शर्मा, हार्दिक पांड्या, कृणाल पांड्या, कीरोन पोलार्ड, जसप्रीत बुमराह, सूर्यकमार यादव और सलामी बल्लेबाज क्विंटन डिकाक जैसे खिलाड़ी भी मुंबई इंडियन्स के पास हैं, जो अपने दिन मैच जिताने में सक्षम है।
रविवार को यहां होने वाले फाइनल से पूर्व श्रीलंका के पूर्व कप्तान जयवर्धने ने कहा, ‘इस बारे (कई मैच विजेता होने) में हमने सत्र की शुरुआत में बात की थी। इससे मुख्य खिलाड़ियों के ऊपर से दबाव भी कम होता है। अब आपकी टीम में सात से आठ ऐेसे खिलाड़ी होते हें जो आपके लिए छोटे लम्हें जीत सकते हैं तो इसेस मै जीतने का मौका बनता है।’
उन्होंने कहा, ‘जब आपके अलग अलग खिलाड़ी प्रदर्शन कर रहे होते हैं तो विरोधी टीम को योजना बनाने में दिक्कत होती है। इससे हमें मौजूदा सत्र में मदद मिली।’
कड़े चयन फैसलों पर जयवर्धने ने कहा, हमने सत्र की शुरुआत मयंक के साथ की लेकिन सभी ने सोचा कि राहुल बेहतर गेंदबाजी कर रहा है और हमने यह विकल्प चुना। इसी तरह लसिथ पिछले साल चोटिल थे, इस साल हमें लगा कि वह फार्म में लौट आए हैं और अंतिम ओवरों में बुमराह का अच्छा साथ निभा सकते हैं।