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भूल जाओ संन्यास, यह तीन आंकड़े बताते हैं कि धोनी समय के साथ बेहतर होते जा रहे हैं

हमें फॉलो करें भूल जाओ संन्यास, यह तीन आंकड़े बताते हैं कि धोनी समय के साथ बेहतर होते जा रहे हैं
, शुक्रवार, 4 मई 2018 (16:55 IST)
जब यह सीजन शुरु हुआ था तो अटकलें लगाई जा रही थी कि क्या महेंद्र सिंह धोनी अपने करियर के आखिरी पड़ाव पर हैं। लेकिन जैसे जैसे यह सीजन आगे बढ़ा माही ने अपने आलोचकों को ही नहीं अपने फैंस को भी बल्लेबाजी से आशचर्यचकित कर दिया। यह तीन आंकड़े बताते हैं कि इस सीजन में धोनी एक विकेटकीपर ही नहीं बल्लेबाज के तौर पर भी अपना लोहा मनवा चुके हैं।
धोनी का तेज गति के साथ रन बनाना
 
पहले दो मैचों में लगा कि माही अब पहले वाली माही नहीं रहे। फिर पता नहीं क्या हुआ वह अचानक वह शॉट्स खेलने लगे जो नेट्स पर खेलते हैं। उनका एक निर्भीक रूप दिखा। खासकर आखिरी दस ओवरों में। मुंबई इंडियन्स के खिलाफ टीम ने 91-1 होते हुए भी आखिरी 10 ओवर में सिर्फ 78 रन जोड़े। फिर माही ने बदलाव किया और दिल्ली के खिलाफ 96-0 की मजबूत स्थिती को आखिरी 10 ओवरों में 116 रन बनाकर भुना लिया। 
 
धोनी का लंबे समय तक क्रीज पर रहना 
 
धोनी ने यह बात जान ली है कि वह जितना समय क्रीज पर बिताएंगे उतना ही टीम को फायदा होगा। भले ही कुछ ओवरों में कम रन आएं, वह उसकी कमी अंतिम ओवर्स में पूरी कर देंगे। आंकड़ों की मानें तो साल 2008 से धोनी ने प्रति मैच सबसे ज्यादा गेंदे इसी सीजन में खेली हैं। उन्होंने कहा भी है कि ब्रावो और बिलिंग्स जैसे बल्लेबाजों के कारण वह दसवें ओवर के आस पास क्रीज पर आने में नहीं झिझकते। 
 
छक्कों की बरसात पिछले सीजनों से ज्यादा
 
धोनी ने इस सीजन में गियर बदलने में समय नहीं लगाया। पहले गियर से चौथे गियर तक पहुंचने में उन्होंने समय नहीं लगाया आते साथ लंबे शॉट्स खेले। धोनी ने इस सीजन में इतने छक्के लगाए हैं जितने साल 2016 और 2017 को मिलाकर नहीं लगाए थे। उन्होंने अपने आईपीएल का सर्वश्रेष्ठ स्कोर 79 भी बनाया है।  धोनी के इस प्रदर्शन को देखते हुए लगता है कि माही मार रहा है वाला वाक्य इस साल ही नहीं आगे भी फैंस के मुंह से सुनने को मिलता रहेगा।
 

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