संयुक्त राष्ट्र। अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इसराइल-हमास संघर्ष पर एक प्रस्ताव के मसौदे पर वीटो कर दिया जिसमें गाजा में तत्काल मानवीय संघर्ष विराम और हमास आतंकवादी समूह द्वारा बंधक बनाए सभी बंधकों की तुरंत और बिना शर्त रिहाई की मांग की गई थी।
संयुक्त राष्ट्र की 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद ने संयुक्त अरब अमीरात द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव पर शुक्रवार को मतदान किया और 90 से अधिक सदस्य देशों ने इसका समर्थन किया। प्रस्ताव के पक्ष में परिषद के सदस्यों के 13 वोट पड़े जबकि ब्रिटेन मतदान से दूर रहा।
प्रस्ताव पर मतदान ऐसे वक्त में हुआ है जब इससे पहले संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने इसराइल-हमास संघर्ष में मानवीय संघर्ष और मानवीय विनाश से बचने के लिए सुरक्षा परिषद से अपील करने के वास्ते संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 99 का इस्तेमाल किया जो एक असाधारण कदम है।
मतदान से पहले गुतारेस ने परिषद से तत्काल मानवीय संघर्षविराम, नागरिकों की रक्षा और जीवनरक्षक सहायता की तत्काल आपूर्ति के लिए कोई कोर कसर न छोड़ने का अनुरोध किया।
मतदान के बारे में बताते हुए अमेरिका के राजूदत रॉबर्ट वुड ने कहा कि यह समझ से परे है कि क्यों प्रस्ताव के लेखकों ने सात अक्टूबर को इजराइल पर हमास के वीभत्स आतंकवादी हमले की निंदा करने वाली भाषा को शामिल करने से इनकार कर दिया है।
उन्होंने कहा कि प्रस्ताव के लेखकों द्वारा जल्दबाजी की प्रक्रिया और उचित विचार-विमर्श के अभाव के बावजूद अमेरिका ने नेक नीयत से प्रस्ताव के मसौदे में भाग लिया।
वुड ने इजराइल पर सात अक्टूबर को हमास के हमले की निंदा करने या इजराइल के अपनी रक्षा करने के अधिकार को स्वीकार करने में नाकामी के लिए वोट को लेकर सुरक्षा परिषद की निंदा की। हमास के आतंकवादियों ने इजराइल पर हमले के दौरान करीब 1,200 लोगों की हत्या कर दी थी।
उन्होंने कहा कि सैन्य कार्रवाई रोकने से हमास को गाजा पर शासन जारी रखने और अगले युद्ध के लिए बीज बोने में मदद मिलेगी।
वुड ने मतदान से पहले कहा कि हमास स्थायी शांति, दो-राष्ट्र समाधान नहीं देखना चाहता है। अमेरिका स्थायी शांति का पुरजोर समर्थन करता है जिसमें इजराइली और फिलिस्तीनी दोनों शांत एवं सुरक्षापूर्ण माहौल में रह सकें लेकिन हम तत्काल संघर्ष विराम का समर्थन नहीं करते।
फिलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, गाजा में इजराइली सेना के अभियान में 17,400 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं जिनमें से 70 फीसदी महिलाएं और बच्चे हैं तथा 46,000 से अधिक घायल हुए हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन पर संघर्ष विराम का विरोध छोड़ने के लिए दबाव बनाने के वास्ते मिस्र, जॉर्डन, फिलिस्तीनी प्राधिकरण, कतर, सऊदी अरब और तुर्किये के विदेश मंत्री शुक्रवार को वाशिंगटन में थे लेकिन उनके प्रयास व्यर्थ हो गए। संयुक्त राष्ट्र में मतदान के बाद ही विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से उनकी मुलाकात हुई।
Edited by : Nrapendra Gupta