वॉशिंगटन। अमेरिका के प्रमुख राज्य न्यू हैम्पशायर में मंगलवार को हुई डेमोक्रेटिक पार्टी की अहम प्राइमरी (प्राथमिक चुनाव) में सांसद बर्नी सैंडर्स को जीत मिली है। इस जीत से 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए उनके प्रचार को काफी बल मिलेगा, क्योंकि अगले कुछ महीनों में उनकी पार्टी के नामांकन की दौड़ तेज होने वाली है।
फिर से चुने जाने के लिए प्रयासरत राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी न्यू हैम्पशायर में रिपब्लिकन प्राइमरी में अत्यधिक मतों से जीत हासिल की। 2016 में राष्ट्रपति चुनाव के लिए हुई प्राइमरी में सैंडर्स (78) न्यू हैम्पशायर से पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन से हार गए थे। इस बार वे अपने करीबी प्रतिद्वंद्वी पीट बटिगीग से आगे हैं।
करीब 85 प्रतिशत मतों की गणना के बाद वर्मोंट से सीनेटर सैंडर्स को 26 प्रतिशत मत मिले, वहीं इंडियाना के पूर्व मेयर बटिगीग 24.4 प्रतिशत मतों के साथ दूसरे और एमी क्लोबुचर 19.8 प्रतिशत मत के साथ तीसरे स्थान पर हैं। मैसचुसेट्स से सांसद एलिजाबेथ वारेन और पूर्व उपराष्ट्रपति जो बाइडन क्रमश: चौथे और 5वें नंबर पर रहे।
सैंडर्स ने अपनी जीत के बाद कहा कि अब जबकि हमें न्यू हैम्पशायर में एक और जीत मिली है, शासन और कारोबारी संभ्रांत लोग हमें हर तरह से घेरने की कोशिश करेंगे। रिपब्लिकन पार्टी और ट्रंप के अभियान दल ने कहा कि डेमोक्रेटिक प्राइमरी में सैंडर्स की जीत दिखाती है कि डेमोक्रेटिक पार्टी में समाजवाद ने गति पकड़ ली है।
रिपब्लिकन नेशनल कमिटी (आरएनसी) की प्रमुख रोना मैकडेनियल ने एक बयान में कहा कि एक बात साफ है : लगातार दूसरी बार बर्नी सैंडर्स का जीतना दिखाता है कि आज की डेमोक्रेटिक पार्टी में समाजवाद मुख्य धारा बन गई है।
ट्रंप के लिए 2020 चुनाव के प्रचार प्रबंधक ब्रैड पार्स्केल ने कहा कि न्यू हैम्पशायर में डेमोक्रेट की कहानी सरकार की बड़ी समाजवादी नीतियों का वर्चस्व जारी रहने और इन नीतियों के मानक वाहक बर्नी सैंडर्स की सफलता को दिखाती है।
उन्होंने कहा कि इससे फर्क नहीं पड़ता कि प्राइमरी की महीनों लंबी चलने वाली प्रक्रिया में से अंतत: कौन सा डेमोक्रेट उम्मीदवार उभरकर आता है, क्योंकि हम जानते हैं कि राष्ट्रपति ट्रंप की उपलब्धियों का रिकॉर्ड और भविष्य के लिए उनका आशावादी नजरिया डेमोक्रेट्स और उनके समाजवादी, नौकरी छीनने वाले एजेंडे से ऊपर होगा।
इस साल के अंत में होने जा रहे अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों से पहले, व्हाइट हाउस की उम्मीदवारी के दावेदार अपनी पार्टी की तरफ से नामित किए जाने के लिए देशभर में प्राथमिक चुनावों यानी प्राइमरी में अपना भाग्य आजमा रहे हैं।