स्रेब्रेनित्सा। संयुक्त राष्ट्र के युद्ध अपराध ट्रीब्यूनल ने बोस्निया में 1995 में हुए नरसंहार, मानवता के खिलाफ अपराध और युद्ध अपराध के लिए पूर्व सर्ब कमांडर राटको म्लादिच को दोषी पाते हुए उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई है। 'बोस्निया का कसाई' के नाम से कुख्यात राटको म्लादिच के नेतृत्व वाली फौज ने 1992 से 1995 के दौरान स्रेबेनित्सा के बोस्निया मुसलमानों के नरसंहार को अंजाम दिया था। इस दौरान करीब 10000 लोग मारे गए थे जबकि करीब 22 लाख लोग बेघर हुए थे।
हेग स्थित संयुक्त राष्ट्र के युद्ध अपराध ट्रीब्यूनल ने म्लादिच पर लगाए 11 आरोपों में से 10 के लिए उन्हें दोषी करार दिया। फैसला सुनाते समय म्लादिच भड़क उठा इसके बाद उसे कोर्ट से बाहर कर दिया गया। बचाव पक्ष ने कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे।
75 साल के म्लादिच के कट्टरपंथी राष्ट्रवादी सेनाओं ने 11 जुलाई 1995 को पुरुषों और लड़कों को महिलाओं से अलग कर दिया था एक बस में दूर ले जाकर उन्हें गोली मार दी थी। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद से यूरोप का यह सबसे भयानक नरसंहार था।
इस बीच नरसंहार के पीड़ितों ने म्लादिच को मिली आजीवन कारावास की सजा को पर्याप्त नहीं बताया है। 74 साल की वास्वा स्माजलोविच ने जुलाई 1995 में हुए नरसंहार की बात करते हुए कहा कि क्या ऐसे किसी व्यक्ति के लिए इतनी पर्याप्त सजा हो सकती है जिसने इतने सारे अपराध किए हैं। यह 300 साल से भी अधिक होना चाहिए। वास्वा कहती है कि उन 8000 में मुस्लिम पुरुषों एवं लड़कों में उनके पति और दामाद भी शामिल थे जिन्हें दूर लेकर जाकर गोली मार दी गई थी।
उन्होंने म्लादिच के फैसले की सीधा प्रसारण देखते हुए कहा कि मैं हर समय अपने मृतकों की गिनती करने की कोशिश करती हूं। मैं 50 तक गिनती करती हूं और फिर मैं गिन नहीं पाती हूं। मैं कैसा महसूस कर रही हूं यह बताने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है। मैं बहुत गुस्से में हूं। फैसला बहुत समय बाद आया है। (वार्ता)