पर्थ। संभव है कि यह तथ्य आप जानते होंगे कि संगीत सुनने से पौधों का विकास तेजी से होता है। कई शोधों के बाद यह तथ्य सामने आया है कि म्युजिक बजाने से पौधे तेजी से बढ़ते हैं और इतना ही नहीं, उन्हें संगीत सुनना पसंद होता है।
ऐसा भी कहा जाता है कि जब कोई व्यक्ति पौधों को खुद गाना गाकर सुनाता है तो वे और तेजी से बढ़ते हैं। इससे पौधों को और ज्यादा कार्बन डाइआक्साइड मिलती है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसे ही कुछ और तथ्य जिनके बारे में नहीं आप भी शायद जानते नहीं होंगे।
पौधों पर म्यूजिक असर
अन्नामलाई विश्वविद्यालय में वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉक्टर टी. सी. सिंह ने भी एक प्रयोग में यह पाया कि जिन बीजों को रोपण के बाद म्यूजिक सुनाया गया वे ज्यादा जल्दी उग पाए। यहीं नहीं, इन अंकुरित पौधों में अन्य पौधौं से अधिक पत्ते थे। इनका आकार भी अन्य पौधों से ज्यादा बड़ा था। इससे साफ हो गया कि संगीत वाकई पौधों के विकास में बेहतर काम करता है। सिंह का कहना है कि म्यूजिक पौधों के आनुवंशिक गुणसूत्रों को ही बदल कर रख देता है।
कनाडा के एक यूजीन कैनबी नामक एक इंजीनियर ने गेहूं के एक पौधे पर प्रयोग किया। उन्होंने इस पौधे को रोजाना वायलिन बजाकर सुनाया इसके रिजल्ट जब उन्होंने एक गेहूं के दूसरे पौधे से तुलना करके देखे तो वे चौंक गए। जिस पौधे को म्यूजिक सुनाया गया उसकी उपज में 66% तेजी से वृद्धि दर्ज की गई। कैनबी का यह शोध सिंह के निष्कर्षों की पुष्टि करता है।
पौधों को कौन सा संगीत है पसंद ?
वर्ष 1973 में फ्रांसिस ब्राउन नामक प्रोफेसर ने पौधों के तीन समूह पर विभिन्न प्रकार के संगीत ध्वनियों के प्रयोग किए। इसमें पहले समूह को 8 घंटे की अवधि के लिए नोट -F पर म्यूजिक सुनाया गया। दूसरे समूह को तीन घंटे के लिए समान नोट पर म्यूजिक सुनाया गया जबकि तीसरे समूह को म्यूजिक नहीं सुनाया गया।
पहले समूह के सभी पौधे दो हफ्ते की भीतर मर गए, जबकि दूसरे समूह के पौधे ज्यादा हेल्दी रहे क्योंकि उन्हें नियंत्रित समयानुसार म्यूजिक सुनाया गया। वहीं तीसरा समूह की बृद्धि सामान्य रही। इस प्रयोग से यह साफ हो गया कि पौधों को नियमित तरीके से ही म्यूजिक सुनाना सही है। इसके अलावा पौधों को ज्यादा तेज संगीत की अपेक्षा मधुर और धीमी आवाज ज्यादा पसंद आती है।