पाकिस्तान में महंगाई, वहां की माली हालत और कोरोना से होते बदतर हालातों से हर कोई वाकिफ है, लेकिन अब वहां महिलाओं की हालत भी खराब हो रही है।
हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान दुनिया में लैंगिक समानता के हिसाब से चौथा सबसे खराब देश है। यहां महिलाओं और पुरुषों के बीच शिक्षा, कार्य समेत विक्षिन्न क्षेत्रों में खासा गैप है। वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम की बुधवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, लैंगिक समानता के मामले में 156 देशों में पाकिस्तान का स्थान 153 है।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान से नीचे सिर्फ इराक, यमन और अफगानिस्तान हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में लैंगिक समानता के गैप में 0.7 फीसदी की बढ़त हुई है और ये बढ़कर 55.6 फीसदी हो गया है।
ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट 2021 में कहा गया है कि पाकिस्तान चार सब-इंडेक्स में से दो में नीचे के 10 देशों में शामिल है। महिलाओं की आर्थिक भागीदारी और अवसर के मामले में पाकिस्तान 152वें स्थान पर है, जबकि हेल्थ और सरवाइवल के मामले में इसे 153वां स्थान मिला है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि केवल 22.6 फीसदी महिलाओं ने लेबर फोर्स में भाग लिया है। वहीं, केवल 4.9 फीसदी महिलाएं ही मैनेजर जैसे उच्च पदों तक पहुंच पाई हैं। इस कारण महिलाओं और पुरुषों की आय में खासी असमानता है। इसमें कहा गया है कि पाकिस्तानी महिला की आय यहां के पुरुषों का केवल 16.3 फीसदी हिस्सा ही है।
रिपोर्ट में दिए गए डाटा से पता चला कि पाकिस्तानी महिलाओं को न्याय, भूमि के स्वामित्व और गैर-वित्तीय संपत्तियों या विरासत के अधिकारों में बराबर का अधिकार नहीं है। यहां पूरी तरह से पुरुषों का दबदबा है। इस वजह से पाकिस्तान की प्रगति रुक गई है। इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान को लैंगिक समानता ठीक करने में 136.5 साल का समय लग सकता है।