इस्लामाबाद। भारत सरकार के दबाव के बाद पाकिस्तानी अधिकारियों ने सोमवार को भारतीय उच्चायोग के 2 कर्मचारियों को ‘हिट एंड रन’ के एक मामले में कथित रूप से शामिल होने को लेकर हिरासत में लेने के कुछ घंटे के बाद छोड़ दिया।
एआरवाई टीवी के अनुसार विदेश कार्यालय द्वारा यह सूचित करने के बाद पुलिस ने दोनों भारतीय अधिकारियों को रिहा कर दिया कि उन्हें राजनयिक छूट प्राप्त है। उन्हें भारतीय मिशन के एक अधिकारी को सौंप दिया गया।
जियो न्यूज ने कुछ प्रत्यक्षदर्शियों को उद्धृत करते हुए अपनी खबर में कहा कि एक बीएमडब्ल्यू कार ने शहर की एंबेसी रोड पर सुबह करीब 8 बजे एक पैदल यात्री को टक्कर मारी और उसके बाद कार सवार लोगों ने वहां से भागने की कोशिश की।
पैदल यात्री इस दौरान गंभीर रूप से घायल हो गया और उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। खबर में कहा गया कि मौके पर मौजूद लोगों की भारी भीड़ ने कार में सवार 2 लोगों को पकड़ लिया और उन्हें इस्लामाबाद पुलिस के हवाले कर दिया।
इसमें कहा गया कि उनकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस को पता चला कि वे दोनों भारतीय उच्चायोग के कर्मी हैं।
चैनल ने प्रत्यक्षदर्शियों का हवाला देते हुए कहा कि कार को गैर जिम्मेदाराना तरीके से चलाया जा रहा था और तेज गति के कारण वह नियंत्रण से बाहर हो गई। पीड़ित सड़क के किनारे फुटपाथ पर चल रहा था जब कार ने उसे टक्कर मारी।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की खबर में दोनों भारतीय अधिकारियों की पहचान सिल्वादेस पॉल और दावामू ब्रहामू के तौर पर की गई है। इसमें कहा गया कि स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने इस घटना के बारे में विदेश मंत्रालय (एफओ) को जानकारी दी।
अब तक पाकिस्तानी अधिकारियों या भारतीय उच्चायोग की तरफ से इस घटना के बारे में कोई बयान जारी नहीं किया गया है। इससे पहले भारत ने सोमवार को नई दिल्ली में पाकिस्तान के उप राजदूत को तलब कर इस्लामाबाद में दो भारतीय उच्चायोग कर्मियों की कथित गिरफ्तारी पर कड़ा विरोध व्यक्त किया था।
पाकिस्तानी मीडिया में आई खबरों में कहा गया कि दूतावासों की गाड़ियों से होने वाली दुर्घटनाएं हाल में कई बार हुई हैं।
इससे पहले इसी साल, अमेरिकी दूतावास की एक एसयूवी इस्लामाबाद में एक सड़क पर दूसरी गाड़ी से जा भिड़ी। इस हादसे में एक महिला की मौत हो गई थी जबकि उसके परिवार के पांच सदस्य घायल हो गए। पुलिस ने अमेरिकी दूतावास के पाकिस्तानी वाहन चालक को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ मामला दर्ज किया था।
यह घटना भारत द्वारा दो हफ्ते पहले पाकिस्तानी उच्चायोग के दो कर्मचारियों को जासूसी के आरोप में देश से निकाले जाने के बाद हुई है। इन्हें निकाले जाने के बाद से पाकिस्तानी एजेंसियों ने इस्लामाबाद में भारत के उप उच्चायुक्त गौरव अहलूवालिया समेत भारतीय दूतावास के कर्मियों को परेशान करना शुरू कर दिया था।