इस्लामाबाद। पाकिस्तानी मीडिया की खबरों के मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी, उनकी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शाहबाज शरीफ और दक्षिणपंथी संगठन जमात-ए- इस्लामी के प्रमुख सिराजुल हक उन दिग्ग्जों में शामिल हैं, जिन्हें पाकिस्तान के संसदीय चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है।
पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट की ओर से नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद के अयोग्य करार दिए जाने के बाद अब्बासी ने रावलपिंडी की एनए -57 और इस्लामाबाद की एनए-53 संसदीय सीटों से पीएमएल-एन के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था, लेकिन अनाधिकारिक नतीजों के मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री अब्बासी दोनों सीटों से हार गए।
एनए -57 को पीएमएल-एन की सबसे सुरक्षित सीटों में से एक माना जाता है। इस सीट पर पहली बार 1985 में अब्बासी के पिता को जीत मिली थी। अब्बासी खुद 1990, 1993, 1997, 2008 और 2013 के आम चुनावों में इस सीट पर जीत हासिल कर चुके हैं।
वह इस सीट पर सिर्फ 2002 में हारे थे। अब्बासी के अलावा पीएमएल-एन के प्रमुख शाहबाज शरीफ भी दो सीटों से चुनाव हार गए हैं। वे कराची, स्वात और लाहौर की तीन संसदीय सीटों से चुनाव लड़े थे। कराची और स्वात में उन्हें इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए- इंसाफ (पीटीआई) के उम्मीदवारों ने मात दी।
अनाधिकारिक नतीजों के मुताबिक कल हुए चुनावों में हारने वालों में मुत्ताहिदा मजलिस-ए-अमाल (एमएमए) के अध्यक्ष मौलाना फजलुर रहमान भी शामिल हैं। रहमान ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की डेरा इस्माइल खान और लक्की मरवात संसदीय सीटों से चुनाव लड़ा लेकिन दोनों सीटों पर हार गए।
पंजाब के पूर्व कानून मंत्री और शरीफ के करीबी माने जाने वाले राणा सनाउल्ला को फैसलाबाद में पीटीआई के उम्मीदवार के हाथों हार का सामना करना पड़ा। फैसलाबाद को पीएमएल - एन का गढ़ माना जाता है।
पीएमएल - एन के दिग्गज नेताओं में शामिल ख्वाजा साद रफीक को लाहौर में पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान ने हराया जबकि सिंध प्रांत के पूर्व मुख्यमंत्री अरबाब रहीम को सिंध के उमरकोट क्षेत्र में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के उम्मीदवार ने हराया।
खान अब्दुल गफ्फार खान के पोते असफंदयार वली खान को चारसड्डा की एनए - 24 संसदीय सीट पर पीटीआई के उम्मीदवार फजल खान के हाथों हार का सामना करना पड़ा। एनए - 24 असफंदयार वली खान का गृह चुनाव क्षेत्र है।
दक्षिणपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख सिराजुल हक को लोअर डीर सीट एनए - 7 पर हार का मुंह देखना पड़ा। इसे जमात के लिए सबसे सुरक्षित सीटों में से एक माना जा रहा था। इस बीच पीपीपी के प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी को खैबर पख्तूनख्वा की एनए - 8 मलकंद सीट पर हार मिली।