नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में सबसे आगे चल रहे इमरान खान को बतौर क्रिकेटर सबसे अलग बताते हुए उनके समकालीन रहे भारत के पूर्व कप्तान अंशुमान गायकवाड़ ने कहा कि इमरान को इस बात का बखूबी अहसास भी था। गायकवाड़ ने इमरान खान के कई किस्से साझा किए हैं।
गायकवाड़ ने कहा, ‘इमरान सबसे अलग था। उसका बात करने का तरीका, उसकी शख्सियत, सभी जुदा थी। उसमें और उसकी टीम के बाकी खिलाड़ियों में फर्क आसानी से पता चल जाता था।’
उन्होंने कहा, ‘उसे इस बात का अहसास भी था कि वह सबसे अलग है। वह बहुत पढा-लिखा और तहजीबदार था और उसे पता था कि किससे कैसे बात करनी है। वह अदब से पेश आता था। खुद को लेकर उसमें अहंकार था लेकिन हर समय और हर जगह उसे जाहिर नहीं करता था।’
यह पूछने पर कि क्या मैदान पर भारतीय टीम इमरान के सामने दबाव में रहती थी? उन्होंने कहा कि वह हमेशा मैच विनर रहा। उन्होंने कहा, ‘वह मैच विनर था और अलग तरह का ही गेंदबाज था। उसकी शैली गैर पारम्परिक थी। सबसे बड़ी खूबी थी कि वह नई या पुरानी गेंद से समान जज्बे के साथ गेंदबाजी कर लेता था। उसके पास रफ्तार और विविधता का अनूठा तालमेल था।’
इमरान के साथ किसी दिलचस्प किस्से के बारे में पूछने पर गायकवाड़ ने कहा, ‘लाहौर में 1984 में एक टेस्ट मैच के दौरान लंच की टेबल पर हम आसपास बैठे थे। उसने मुझसे कहा कि वह कैंसर अस्पताल के लिए धन जुटाना चाहता है तो मैंने उसे राय दी कि तुम्हारा इतना रूतबा और परिचय है तो ब्रिटेन में चैरिटी मैच करा लो जहां वह ससेक्स के लिए काउंटी क्रिकेट भी खेलता था।’
उन्होंने कहा, ‘अगले सत्र में उसने ब्रिटेन में दो मैच कराए। कहने का मतलब यह है कि उससे बात करना रोचक होता था। वह कभी आपको नीचा दिखाने की कोशिश नहीं करता था।’ अपने खेल के अलावा खूबसूरती के कारण भी इमरान के प्रशंसकों की बड़ी तादाद थी और गायकवाड़ का मानना है कि उस समय उसको सिर्फ एक ही व्यक्ति टक्कर दे सकता था और वह थे मंसूर अली खान पटौदी।
उन्होंने कहा, ‘सिर्फ भारत या पाकिस्तान ही नहीं, हर जगह इमरान के बड़े प्रशंसक थे। इतना खूबसूरत, लंबा और उसकी शैली, हेयर स्टाइल, रन अप सभी के लोग दीवाने थे । मेरे हिसाब से नवाब पटौदी के अलावा कोई उसे टक्कर नहीं दे सकता था।’