इस्लामाबाद। पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने वहां की सेना से सवाल किया है कि सैन्य उद्देश्य के लिए दी गई सरकारी जमीन का व्यावसायिक इस्तेमाल कैसे किया जा रहा है?
न्यायाधीश गुलजार अहमद की बेंच ने कहा कि सरकारी जमीन का इस्तेमाल व्यावसायिक कामों के लिए नहीं किया जा सकता। यह जमीन आपको सैन्य उद्देश्य के लिए दी गई है। व्यवसाय के लिए जमीन का इस्तेमाल मंजूर नहीं है। सेना को यह जमीन सरकार को वापस करनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि 4 दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने रक्षा सचिव को तलब कर निर्देश दिए थे कि वो लिखित में बताएं कि मिलिट्री ट्रेनिंग के लिए दी गई जमीन पर मैरिज हॉल और सिनेमाघर किसकी मंजूरी से बनाए जा रहे हैं।
दरअसल, चीफ जस्टिस की बेंच सरकारी जमीन के गलत इस्तेमाल से जुड़ी याचिका की सुनवाई कर रही थी।
पीठ ने कहा कि आपको सरकारी जमीन सैन्य कार्यों के लिए दी गई थी, लेकिन आप वहां सिनेमा हॉल, शादी हॉल, पेट्रोल पम्प और शॉपिंग मॉल्स बना रहे हैं। यह कारोबार नहीं तो और क्या है? इन कामों से क्या संदेश जाएगा। कराची हो या कोई दूसरा कैंटोन्मेंट एरिया, आपने हर जगह यही किया है।