ऑस्ट्रेलिया में पॉटी बेचने से लाखों की कमाई

Webdunia
सोमवार, 16 अप्रैल 2018 (15:17 IST)
सिडनी। पॉटी (मानव मल) को देकर पैसे कमाने का विचार शायद ही किसी के दिमाग में आया हो लेकिन यह ऑस्ट्रेलिया में पैसे कमाने का जरिया बन रहा है। पूप डोनर्स को उनकी हर डिलिवरी के लिए 50 डॉलर तक का पेमेंट किया जा रहा है। ऑस्ट्रेलिया के सेंटर फॉर डाइजेस्टिव डिजीज में लोग अपनी पॉटी बेच करके एक साल में 13 हजार डॉलर यानी करीब साढ़े 8 लाख रुपए तक कमा रहे हैं।
 
ऑस्ट्रेलिया में पॉटी की इतनी मांग इसकी चिकित्सकीय मामलों में इस्तेमाल को लेकर है। खासतौर पर इसका इस्तेमाल 
 
फीकल माइक्रोबायोटा ट्रांसप्लांट (FMT) में होता है। इस ट्रांसप्लांट में डोनर के मल को दवाइयों के साथ मिलाकर मरीज में डाला जाता है। 'पूप ट्रांसप्लांट' ऑटिजम से लेकर क्रॉनिक डायरिया तक के इलाज में भी मदद करता है। 
 
डोनर्स की कमी को देखते हुए सेंटर फॉर डाइजेस्टिव डिजीज ने पॉटी देनेवालों को इन्सेंटिव देने का विचार किया। सेंटर फॉर डाइजेस्टिव डिजीज में गैसट्रोएनट्रॉलजिस्ट प्रोफेसर थॉमस बोरॉडी ने टेलिग्राफ को बताया कि उन्होंने अब तक 12 हजार FMT किए हैं। 
 
हालांकि, इस इलाज में मदद के लिए पॉटी डोनेट करने वालों का स्वस्थ होना जरूरी है। उनका बॉडी मास इंडेक्स (BMI)भी सही होना अनिवार्य है। इतना ही नहीं उनके लिए पौष्टिक भोजन जैसे ताजा सब्जियां, दालें और फल खाना भी जरूरी है। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Gold Rate : सस्ता हुआ सोना, कीमतों में 1200 से ज्यादा की गिरावट

भारत को चीन से कोई खतरा नहीं, Sam Pitroda के बयान से Congress का किनारा, BJP ने बताया गलवान के शहीदों का अपमान

Apple का सस्ता मोबाइल, iphone 15 से कम कीमत, मचा देगा तूफान, जानिए क्या होंगे फीचर्स

दिल्ली में आज क्‍यों आया भूकंप, वरिष्‍ठ वैज्ञानिक ने दिया यह जवाब

Vivo V50 price : दमदार AI फीचर्स, 50 MP कैमरा, वीवो का सस्ता स्मार्टफोन मचाने आया धमाल, जानिए फीचर्स

सभी देखें

नवीनतम

LIVE: महाकुंभ में आस्था का सैलाब, 54 करोड़ से ज्यादा ने किया कुंभ स्नान

जेडी वैंसः यूरोप को चीन और रूस नहीं अपनी नीतियां से खतरा

कौन हैं ज्ञानेश कुमार जो संभालेंगे चुनाव आयोग की कमान?

दिसंबर 2027 तक यमुना नदी हो जाएगी साफ, दिल्ली सरकार ने बताया यह प्‍लान

इंडिया का नाम बदलकर भारत किया जाए, दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की याचिका

अगला लेख
More