पैरिश, अलबामा। अगर आप भारत में मीथेन गैस की बदबू सूंघते हैं तो आपको लगता है कि कौन से नर्क में आ गए हैं। लेकिन इस तरह का नर्क केवल भारत में ही नहीं वरन दुनिया के सर्वाधिक विकसित और सम्पन्न देश अमेरिका में भी हो सकता है।
पैरिश अमेरिका के अलबामा राज्य का एक छोटा सा कस्बा है जहां के लोग इन दिनों बेहद परेशान हैं। दरअसल इस कस्बे में दो माह पहले करीब 45 लाख किलो इंसानी मल डंप किया गया है। यह मल ट्रेनों में भरकर यहां लाया गया। इससे पैरिश कस्बे में रहने वाले 982 लोगों का चारों तरफ फैल रही बदबू से जीवन नर्क बन गया है।
एक खबर के अनुसार, दर्जन भर ट्रेनों में भरकर इंसानी मल 2 महीने पहले पैरिश कस्बे में लाया गया था। यह इंसानी मल न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी से पैरिश कस्बे के नजदीक स्थित एडम्सविले इलाके में एक निजी लैंडफिल साइट पर डंप किया गया। इससे पूरा पैरिश कस्बा दमघोंटू बदबू से परेशान हो गया।
जनवरी माह में ही पैरिश कस्बे के नजदीक स्थित अन्य कस्बे वेस्ट जैफरसन की ओर से अदालत में याचिका दाखिल की गई थी और इसमें कहा गया था कि एक प्राइवेट कंपनी द्वारा सीवेज को उनके कस्बे में न लाया जाए। याचिका में कहा गया था कि कस्बे के निवासी तेज दुर्गंध से परेशान हैं। इस पर अदालत ने वेस्ट जैफरसन कस्बे के पक्ष में फैसला सुनाया।
पर जब अदालत ने वेस्ट जैफरसन कस्बे के पक्ष में फैसला सुनाया, तब तक इंसानी मल भरकर ट्रेनें न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी से निकल चुकी थीं। इस पर इन ट्रेनों को पैरिश के नजदीक स्थित एडम्सविले इलाके के रेल यार्ड में खाली कर दिया गया। जहां पर सीवेज डंप किया गया, उस जगह के नजदीक स्थानीय लोगों का बेसबॉल ग्राउंड है, जिससे कस्बे के युवा खेल भी नहीं पा रहे हैं और बदबू के साथ जीने को मजबूर हैं।
पैरिश कस्बे की मेयर हीथर हाल का कहना है कि इस बदबू के कारण वह अपने घर के आंगन में नहीं बैठ पा रही हैं।
बच्चे बाहर नहीं जा पा रहे हैं। हमें इस बदबू से भगवान बचाए। वहीं एनवायरमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी और अल्बामा डिपार्टमेंट ऑफ एनवायरमेंटल मैनेजमेंट का कहना है कि यह इंसानी मल नहीं था, बल्कि ग्रेड-ए का बायो-वेस्ट है। यह मात्र लोगों को मूर्ख बनाने के लिए शब्द विज्ञान का चमत्कार है जबकि गंदगी वही है।
पैरिश कस्बे के लोगों का कहना है कि सीवेज डंप करने वाली कंपनी ने पहले यहां सीवेज डंप करने से इनकार कर दिया था, लेकिन एक बार फिर से कंपनी ने यहीं पर सीवेज डंप कर दिया। अब पैरिश कस्बे के लोग इस बदबू से बचने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने का विचार कर रहे हैं। हीथर हाल का कहना है कि जो कुछ भी उनके हाथ में होगा, वे हरसंभव कोशिश करेंगी। लोगों का कहना है कि गर्मियां आ रही हैं और तब तक इस गंदगी का क्या होगा क्योंकि रेल के डिब्बे भी गंदगी को बाहर आने से नहीं रोक पाएंगे।