तमाम चेतावनियों के बाद भी उत्तर कोरिया नहीं मान रहा है और लगातार हथियारों और बमों का परीक्षण कर रहा है। अब खबरें आ रही है कि वह जैविक हथियार बना रहा है। तानाशाह किम जोंग सनकभरे कामों से बाज नहीं आ रहा है। इस खबर के बाद दुनिया के देशों की चिंताएं बढ़ गई हैं। उत्तर कोरिया के बीमारी बम के जखीरा ने दुनिया भर के लिए एक और चिंता बढ़ा दी हैं। अमेरिकी थिंकटैंक बेल्फर सेंटर की रिपोर्ट में इसको लेकर आगाह किया गया है। बताया जा रहा है कि उत्तर कोरिया का तानाशाह इस बम से दुनिया में खतरनाक बीमारियां फैला सकता है।
बेल्फर सेंटर के अध्ययन के मुताबिक उत्तर कोरिया जैविक हथियार बनाने में लगा हुआ है। परमाणु बम, हाइड्रोजन बम और बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण करके दुनिया को दहलाने वाले उत्तर कोरिया के जैविक हथियार बनाने की खबर ने एक बार फिर से चिंता बढ़ा दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर कोरिया के पूर्व राजनयिक ताए योउंग-हो के हवाले से कहा गया कि उत्तर कोरिया ने 1960 के दशक में ही कैमिकल और जैविक हथियार विकसित करने का काम शुरू कर दिया था।
बेल्फर सेंटर की रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि उत्तर कोरिया कई घातक बीमारियों को फैलाने वाले जैविक हथियार बना रहा है। इन्हें अमेरिका प्लेग, ऐंथ्रेक्स, स्मॉलपॉक्स और रक्तस्रावी बुखार की तरह घातक मान रहा है। रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका समेत दुनिया के देशों की निगाह सिर्फ उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार कार्यक्रम में हैं, जबकि जैविक हथियारों पर किसी का ध्यान ही नहीं जा रहा है।
दक्षिण कोरिया की खुफिया एजेंसी का मानना है कि जैविक हथियार विकसित करने के लिए उत्तर कोरिया में कम से कम तीन बायोलॉजिकल हथियार प्रोडक्शन यूनिट है। इससे कई रिसर्च सेंटर भी जुड़े हुए हैं, जो जैविक हथियारों को विकसित करने की दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं। इस खबर के आने के बाद दुनिया के कई देशों में चिंता की लकीरें पैदा कर दी हैं। (एजेंसियां)