ने प्यी ता (म्यांमार)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ मुकाबले जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच निकट सहयोग स्थापित करने का रोडमैप तैयार करने के लिए आज अपनी पहली द्विपक्षीय म्यांमार यात्रा के तहत यहां पहुंचे।
यहां पहुंचने के तुरन्त बाद मोदी ने ट्वीट किया ‘ने प्यी ता में पहुंचा, मेरी म्यांमार यात्रा शुरू। म्यांमारकी यात्रा के दौरान मैं कई कार्यक्रमों में शामिल होऊंगा।’ मोदी अपनी दो देशों की यात्रा के दूसरे चरण के तहत यहां पहुंचे।
इससे पहले उन्होंने चीनी शहर श्यामन की यात्रा की जहां वह ब्रिक्स देशों के सम्मेलन में शामिल हुए और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और विश्व के अन्य नेताओं के साथ वार्ताएं की।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ने प्यी ता हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री के पहुंचने की कुछ तस्वीरों के साथ ट्वीट किया ‘मिंगालाबा म्यांमार। ब्रिक्स 2017 में कई कूटनीतिक बैठकों के बाद पीएम नरेन्द्र मोदी का ने प्यी ता पहुंचने पर शानदार स्वागत हुआ।’
मोदी म्यांमार के राष्ट्रपति चिन क्वा से मुलाकात करेंगे जो आज बाद में उनके लिए भोज आयोजित करेंगे। प्रधानमंत्री म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की से कल विस्तृत मामलों पर वार्ता करेंगे।
मोदी ने कहा था कि भारत और म्यांमार सुरक्षा एवं आतंकवाद विरोध, व्यापार एवं निवेश, ढांचागत विकास एवं ऊर्जा और संस्कृति के क्षेत्रों में मौजूदा सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा करेंगे।
उन्होंने उम्मीद जताई कि उनकी यात्रा दोनों देशों के बीच अधिक करीबी सहयोग का रोडमैप तैयार करने में मदद करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों में विकास की समीक्षा करेंगे और भारत द्वारा म्यांमार को मुहैया कराए जा रहे विकासात्मक सहयोग एवं सामाजिक आर्थिक सहायता के ‘वृहद’ कार्यक्रम पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
मोदी ने कहा कि वह बगान शहर की यात्रा को लेकर उत्साहित हैं जहां भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने आनंदा मंदिर का शानदार मरम्मत कार्य किया है। उन्होंने बताया कि एएसआई पिछले साल आए भूकंप के कारण क्षतिग्रस्त कई भित्ति चित्रों एवं मंदिरों की मरम्मत का कार्य भी करेगा।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2014 में आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने म्यांमार गए थे। म्यांमार के राष्ट्रपति और सू की पिछले साल भारत आए थे।
म्यांमार भारत के रणनीतिक पड़ोसियों में से एक हैं और उग्रवाद प्रभावित नगालैंड एवं मणिपुर समेत कई भारतीय पूर्वोत्तर राज्यों के साथ 1640 किलोमीटर की सीमा साझा करता है। (भाषा)