मिलर ने कहा कि भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ यात्रा मार्गों में भोजनालयों पर नेमप्लेट के कार्यान्वयन पर अंतरिम रोक लगा दी है इसलिए अब वो वास्तव में प्रभावी नहीं हैं जिसपर सवाल उठाया जाए।
उन्होंने कहा कि हमने ऐसी रिपोर्ट भी देखी हैं कि भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने 22 जुलाई को उन नियमों के कार्यान्वयन पर अंतरिम रोक जारी की है। इसलिए वे वास्तव में प्रभावी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने सभी धर्मों के लिए समान व्यवहार के महत्व पर अपने भारतीय समकक्षों के साथ बातचीत की है।
गौरतलब है कि यूपी सरकार ने आदेश दिया था कि कावड यात्रा के रूट पर सभी खाने-पीने की दुकाने के आगे मालिक अपना नाम लिखेंगे। इसके बाद उत्तराखंड सरकार ने भी इसी तरह का आदेश पारित किया। मध्यप्रदेश, राजस्थान समेत कई अन्य राज्यों में भी इस आदेश को लागू करने की मांग की गई। बहरहाल सुप्रीम कोर्ट ने नेमप्लेट लगाने संबंधी आदेश पर रोक लगा दी।
Edited by : Nrapendra Gupta