Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

काबुल में गुरुद्वारे में फंसे 260 से ज्यादा सिख, अमेरिकी संगठन ने मांगी मदद

हमें फॉलो करें काबुल में गुरुद्वारे में फंसे 260 से ज्यादा सिख, अमेरिकी संगठन ने मांगी मदद
, सोमवार, 23 अगस्त 2021 (11:34 IST)
वॉशिंगटन। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में कारते परवन गुरुद्वारे में सिख समुदाय के 260 से अधिक लोगों ने शरण ली है और वे तनावग्रस्त देश से निकलने के लिए मदद चाहते हैं। एक अमेरिकी सिख संगठन ने रविवार को यह कहा। अमेरिका के एक सिख संगठन 'यूनाइटेड सिख' ने एक बयान में कहा कि काबुल के कारते परवन गुरुद्वारे में महिलाओं और 50 से अधिक बच्चों सहित 260 से अधिक अफगान नागरिक हैं। इनमें 3 नवजात भी शामिल हैं जिनमें से एक का जन्म कल ही हुआ है। तालिबान के अफगानिस्तान पर काबिज होने के बाद से केवल भारत ने अफगानिस्तान के सिख समुदाय के लोगों को वहां से निकलने में मदद की है।
'यूनाइटेड सिख' ने कहा कि हम अमेरिका, कनाडा, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, ताजिकिस्तान, ईरान और ब्रिटेन सहित कई देशों की सरकारों से इस संबंध में बात कर रहे हैं। हम अंतरराष्ट्रीय सहायता एजेंसियों और गैरसरकारी संगठनों से भी बात कर रहे हैं, जो अफगानिस्तान में फंसे लोगों को वहां से निकालने में मदद देने का प्रयास कर रही हैं। इसके अलावा अफगानिस्तान पर जमीनी स्तर पर इस संबंध में काम कर रही कंपनियों के साथ भी हम संपर्क में हैं।

 
'यूनाइटेड सिख' के अनुसार इस बचाव कार्य की सबसे बड़ी चुनौती कारते परवन गुरुद्वारे से काबुल के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे तक जाने का 10 किलोमीटर लंबा रास्ता है जिस मार्ग पर कई जांच चौकियां स्थापित की गई हैं। अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ लोगों ने पिछले हफ्ते वहां से निकलने की कोशिश की थी, जो असफल रही।
 
गुरुद्वारे में शरण लेने वाले जलालाबाद के सुरबीर सिंह ने कहा कि हम हवाई अड्डे जाने को तैयार हैं, लेकिन हमें काबुल से जाने वाली उड़ानों के रद्द होने का डर है। हमारे पास महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और शिशुओं को देश से बाहर निकालने का यही एकमात्र मौका है। एक बार जब मौजूदा अधिकारियों ने पूरे देश पर कब्जा कर लिया तो वह हमारे समुदाय का अंत होगा।(भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

तालिबान ने अमेरिका को दी धमकी, 31 अगस्त तक वापस बुला ले अपनी सेना वरना...