संयुक्त राष्ट्र। मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर का मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि भारत ने जम्मू-कश्मीर पर आक्रमण करके कब्जा किया है। उन्होंने कहा कि भारत को इस मुद्दे के समाधान के लिए पाकिस्तान के साथ काम करना चाहिए। मलेशियाई प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में कहा कि जम्मू-कश्मीर में भारत की कार्रवाई के कारण हो सकते हैं, लेकिन इसके बावजूद यह गलत है।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के बावजूद जम्मू-कश्मीर पर आक्रमण और कब्जा किया गया। उन्होंने कहा, संयुक्त राष्ट्र की अनदेखी से अन्य द्वारा संयुक्त राष्ट्र और कानून के शासन की अवहेलना के मामले सामने आएंगे। उन्होंने कहा, भारत को इस समस्या को हल करने के लिए पाकिस्तान के साथ काम करना चाहिए।
महातिर ने बाद में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रूस में मुलाकात के दौरान उन्हें यह बताया कि उनकी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा क्यों वापस लिया तो उन्होंने अपने भारतीय समकक्ष को कश्मीर मुद्दे को आक्रमण के बजाय बातचीत के जरिए हल करने की सलाह दी थी।
भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को स्पष्ट रूप से कहा है कि अनुच्छेद 370 को खत्म करना उसका एक आंतरिक मामला है। भारत कश्मीर को लेकर भारत-पाकिस्तान के बीच तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की किसी भी गुंजाइश को यह कहते हुए अस्वीकार कर चुका है कि दोनों देश द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा कर उन्हें हल कर सकते हैं।
महातिर ने इस महीने की शुरुआत में रूस के शहर व्लादिवोस्तोक में एक आर्थिक मंच की बैठक के दौरान मोदी से मुलाकात की थी। महातिर से शुक्रवार को पूछा था कि क्या उन्होंने शांति और संयम बरतने के लिए भारत पाकिस्तान से बातचीत की कोशिश की थी।
महातिर ने कहा, उन्होंने व्लादिवोस्तोक में प्रधानमंत्री के साथ लंबी बातचीत की थी। इस दौरान मोदी ने उन्हें बताया था कि उन्होंने कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटाने का फैसला क्यों लिया। मलेशियाई प्रधानमंत्री ने कहा, वह (मोदी) भी मेरी इस बात से सहमत थे कि यहां तक कि भारत ने बांग्लादेश और अन्य देशों के साथ बातचीत के जरिए मुद्दों को सुलझाया है।
महातिर ने कहा कि उन्होंने मोदी को सुझाव दिया कि चूंकि भारत के पास संघर्ष कम करने या संघर्ष खत्म करने के लिए बातचीत का अनुभव है, इसलिए कश्मीर मुद्दे को भी बातचीत के जरिए सुलझाएं। महातिर ने कहा कि मोदी ने कोई वादा नहीं किया, लेकिन मैंने उनसे कहा कि यह उनके ऊपर है कि वह क्षेत्र में आतंकवाद की समस्या को हल करने के लिए बातचीत का सहारा लेंगे या नहीं।