आर्थिक संकट से जुझ रहे पाकिस्तान में महंगाई की वजह से आम आदमी की कमर टूटने लगी है। नकदी संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार तीन अरब डॉलर से भी कम रह गया है। उसे आर्थिक रूप से धराशायी होने से बचने के लिए इस समय वित्तीय मदद और आईएमएफ से राहत पैकेज की बहुत ज्यादा जरूरत है। देश में दूध 210 रुपए लीटर हो गया है तो चावल की कीमत 200 रुपए किलो पर पहुंच गई है। चिकन के दाम बढ़कर 780 रुपए किलो पर पहुंच गए हैं।
कराची दूध रिटेलर संघ के मीडिया कॉर्डिनेटर वाहिद गद्दी के हवाले से पाकिस्तानी अखबार डॉन ने कहा है कि 1000 से ज्यादा दुकानदार बढ़े हुए दाम पर दूध बेच रहे हैं। यदि डेयरी किसानों और होलसेलरों द्वारा बढ़े हुए दाम वापस नहीं लिए गए तो यह बढ़कर 220 रुपए प्रति लीटर हो जाएगा।
पाकिस्तान में आटा फिलहाल 120 रुपए प्रति किलो मिल रहा है तो दाल 228 रूपए किलो। पेट्रोल की कीमत 250 रुपए लीटर तक पहुंच गई है। सब्जियों के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं। आलू 70 रुपए किलो, टमाटर 130 रुपए किलो बिक रहा है।
इधर अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर के कर्ज पर चुप्पी साध ली है। पाकिस्तान को कर्ज मिलने में जितने ज्यादा समय लग रहा है संकटग्रस्त देश में हालात उतने ही बेकाबू होते नजर आ रहे हैं। शाहबाज शरीफ सरकार का दावा है कि वह आईएमएफ की सारी शर्ते मानने के लिए तैयार है।
पिछले दिनों ही पाकिस्तान सरकार ने IMF को संतुष्ट करने के लिए किसानों समेत सभी बिजली उपभोक्ताओं पर नए कर लगाने की मंजूरी दे दी है। मंत्रिमंडल की आर्थिक समन्वय समिति (ECC) ने आईएमएफ की अग्रिम शर्तें पूरी करने के लिए शून्य-रेटिंग वाले उद्योगों के साथ-साथ किसान पैकेज पर जारी बिजली टैरिफ सब्सिडी को भी बंद करने की मंजूरी प्रदान कर दी। यह आदेश एक मार्च से प्रभावी माना जाएगा।