India to resume some visa services in Canada : भारतीय उच्चायोग (Indian High Commission) ने बुधवार को ओटावा में कहा कि भारत 26 अक्टूबर से कनाडा में वीजा सेवाओं को आंशिक रूप से फिर से शुरू करेगा। सेवाएं राजनयिक विवाद के कारण पिछले महीने बंद कर दी गई थीं। 4 कैटेगरी में सेवाएं पर लगी रोक को हटा दिया गया है।
इन चार कैटेगरी में रोक हटाई : फिलहाल केवल चार कैटेगरी के लिए ही वीजा सेवाओं (Canada Visa Services) को फिर से शुरू किया गया है। एंट्री वीजा, बिजनेस वीजा, मेडिकल वीजा, कॉन्फ्रेंस वीजा पर लगी रोक को हटा दिया गया है।
ओटावा में हाई कमीशन ऑफ इंडिया की प्रेस रीजिल के अनुसार ओटावा, कनाडा में भारतीय उच्चायोग और उसके महावाणिज्य दूतावास टोरंटो और वैंकूवर को वीजा सेवाओं को सुरक्षा को लेकर अस्थायी रूप से निलंबित करने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
यह कदम एक सिख अलगाववादी की हत्या पर राजनयिक विवाद के बीच वीजा सेवाएं निलंबित किए जाने के एक महीने से अधिक समय बाद उठाया जा रहा है।
ओटावा में भारतीय उच्चायोग ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट की गई एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, इस संबंध में कनाडा के कुछ हालिया उपायों को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के बाद, 26 अक्टूबर से प्रवेश वीजा, बिजनेस वीजा, मेडिकल वीजा, और कॉन्फ्रेंस वीजा श्रेणियों के लिए वीजा सेवाओं को फिर शुरू करने का निर्णय लिया गया है।
इस फैसले को ऐसे कदम के रूप में देखा जा रहा है जिससे दोनों देशों के बीच तनाव कम हो सकता है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि ओटावा में भारतीय उच्चायोग और टोरंटो एवं वैंकूवर में उसके महावाणिज्य दूतावास सुरक्षा कारणों से वीजा सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित करने के लिए मजबूर हुए थे।
विज्ञप्ति में कहा गया, उच्चायोग और महावाणिज्य दूतावास आपातकालीन स्थितियों के मद्देनजर कदम उठाते रहेंगे, जैसा कि वर्तमान में किया जा रहा है। इसमें यह भी कहा गया है कि स्थिति के निरंतर मूल्यांकन के आधार पर आगे के निर्णय के बारे में सूचित किया जाएगा।
यह कदम ऐसे वक्त उठाया गया है जब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को कहा था कि अगर भारत कनाडा में अपने राजनयिकों की सुरक्षा में प्रगति देखता है तो वह कनाडा के लोगों के लिए वीजा सेवाएं बहुत जल्द फिर शुरू करने पर विचार कर सकता है।
जयशंकर ने कहा था कि कुछ हफ्ते पहले भारत द्वारा वीजा सेवाओं को अस्थायी रूप से रोकने के पीछे मुख्य कारण कनाडा में अपने राजनयिकों की सुरक्षा को लेकर चिंता थी और भारतीय अधिकारियों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करने में ओटावा की असमर्थता राजनयिक संबंधों पर वियना संधि के सबसे बुनियादी पहलू को चुनौती देती है।
कनाडा द्वारा अपने 41 राजनयिकों को भारत से बुलाए जाने के कुछ दिनों बाद जयशंकर ने यह टिप्पणी की थी।
ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में 18 जून को खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट की संभावित संलिप्तता के संबंध में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद पिछले महीने भारत और कनाडा के बीच तनाव बढ़ गया। भारत ने 2020 में निज्जर को आतंकवादी घोषित किया था।
भारत ने ट्रूडो के आरोपों को बेतुका और प्रेरित बताकर खारिज कर दिया। कुछ दिनों बाद, भारत ने कनाडाई नागरिकों को वीजा जारी करने की सेवा अस्थायी रूप से निलंबित करने की घोषणा की और कनाडा से भारत में अपनी राजनयिक उपस्थिति को कम करने के लिए कहा।