संयुक्त राष्ट्र। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मंगलवार को कहा कि सभी तरह के आतंकी कृत्य गैर-कानूनी और अनुचित हैं, चाहे ये लश्कर-ए-तैयबा या हमास के द्वारा मुंबई अथवा किबुत्ज बेरी में अंजाम दिया जाए।
हमास आतंकवादियों द्वारा इजराइल पर 7 अक्टूबर के हमले के बाद पश्चिम एशिया की स्थिति पर सुरक्षा परिषद की मंत्रिस्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए ब्लिंकन ने यह टिप्पणी की।
ब्लिंकन ने कहा कि जैसा कि इस परिषद और संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बार-बार कहा है कि आतंकवाद के सभी कृत्य गैरकानूनी और अनुचित हैं। ये गैरकानूनी और अनुचित हैं, फिर चाहे क्यों ना ये नैरोबी या बाली... इस्तांबुल या मुंबई, न्यूयॉर्क या किबुत्ज बेरी में लोगों को निशाना बनाते हों।
उन्होंने कहा कि ये गैरकानूनी और अनुचित हैं, चाहे आतंकवादी कृत्य आईएसआईएस, बोको हराम, अल शबाब, लश्कर-ए-तैयबा या हमास द्वारा क्यों ना किए गए हों।
क्या बोले गुतारेस : इस बीच संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुतारेस ने कहा कि सशस्त्र संघर्ष में कोई भी पक्ष अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून से ऊपर नहीं है। उन्होंने इजराइली बलों द्वारा हमास शासित गाजा पट्टी पर लगातार बमबारी पर गहरी चिंता व्यक्त की और दोनों पक्षों से हिंसा के और बढ़ने से पहले पीछे हटने की अपील की।
ब्राजील की अध्यक्षता में हुई परिषद की बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, इजराइल के विदेश मंत्री एली कोहेन, फलस्तीन के विदेश मंत्री रियाद अल-मलिकी, ब्राजील के विदेश मंत्री मौरो विएरा और फ्रांस की यूरोप और विदेश मामलों की मंत्री कैथरीन कोलोना आदि शामिल थे।
क्या हुआ था 26/11 को : 26 नवंबर 2008 को मुंबई में जो आतंकवादी हमला हुआ था, उसे आज तक कोई भी भारतवासी भुला नहीं पाया है। पाकिस्तान प्रायोजित इस आतंकवादी हमले में 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इस हमले में हमारे कई जांबाज सिपाही आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे।
इस हमले में देशी-विदेशी नागरिकों के साथ ही संयुक्त पुलिस कमिश्नर हेमंत करकरे, सहायक पुलिस कमिश्नर अशोक काम्टे, इंस्पेक्टर विजय सालसकर, मेजर संदीप उन्नीकृष्णन, हवलदार गजेन्द्रसिंह, एएसआई तुकाराम ओंबले समेत कई जांबाजों ने कुर्बानियां दी थीं। (भाषा/वेबदुनिया)
Edited by : Nrapendra Gupta