पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने के बाद इमरान का देश के नाम संबोधन, जानिए क्या बोले भारत के बारे में

Webdunia
सोमवार, 20 अगस्त 2018 (08:58 IST)
इस्लामाबाद। पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने के देश के नाम पहला संबोधन दिया।  इमरान खान ने विदेश नीति पर कहा कि मैंने पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते सुधारने के लिए बात की है। जरूरत शांति की है, इसके बिना हम पाकिस्तान की स्थिति नहीं सुधार सकते। हालांकि इमरान ने अपने भाषण में भारत समेत किसी भी पड़ोसी देश का नाम नहीं लिया। 
 
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मौजूदा ऋण संकट के लिए पूर्ववर्ती पीएमएल-एन सरकार पर आज हमला बोला। उन्होंने कहा कि अपने समूचे इतिहास में देश इतना ऋणग्रस्त कभी नहीं रहा, जितना पिछले 10 साल में हो गया है। देश पर यह कर्ज बढ़कर 28000 अरब रुपए हो गया है। 
 
देश के 22 वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद राष्ट्र के नाम अपने पहले संबोधन में खान ने पाकिस्तान की आर्थिक चुनौतियां चिन्हित कीं और स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में कमियों को रेखांकित किया। मुद्दों के समाधान के लिए अपनी सरकार के नजरिए को रेखांकित करते हुए खान ने मितव्ययिता कदमों, कर्ज लेने की जगह कर सुधारों पर काम करने और भ्रष्टाचार को खत्म करने पर जोर दिया।
 
उन्होंने न्यायपालिका, शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल का कायाकल्प करने, सिविल सेवा में सुधार, सत्ता का हस्तांतरण, युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने और जल संकट खत्म करने के लिए बांध बनाने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के इतिहास में हमने इस तरह की मुश्किल परिस्थितियों का सामना कभी नहीं किया। हमारा कर्ज का बोझ 28 हजार अरब रुपए है। अपने समूचे इतिहास में हम इतने ऋणग्रस्त कभी नहीं रहे, जितना पिछले 10 वर्षों में हो गए हैं।  
 
खान ने कहा कि हमारे कर्ज पर जो ब्याज हमें चुकाना है वह इस स्तर तक पहुंच गया है कि हमें अपनी देनदारियों का भुगतान करने के लिए और कर्ज लेना होगा। हमारी बाहरी कर्ज देनदारियां उस स्तर तक पहुंच गई हैं कि हमें इस बात पर विचार करना है कि हम कैसे उससे जूझने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक ओर हम काफी ऋणग्रस्त हैं और दूसरी ओर हमारा मानव विकास सूचकांक बेहद खराब है। स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में कमियों को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि फिलहाल पाकिस्तान उन पांच देशों में शामिल है जहां शिश मृत्यु दर दूषित जल के इस्तेमाल की वजह से सर्वोच्च है।
 
उन्होंने कहा कि हमारे यहां गर्भवती महिलाओं का मृत्यु दर सर्वोच्च है। दुर्भाग्य से हम उन देशों में से एक है जहां बच्चों की वृद्धि रुकने के सर्वाधिक मामले हैं। हम इस देश के 45 फीसदी बच्चों के बारे में बात कर रहे हैं। इमरान खान ने कहा कि उन्हें समुचित पोषाहार नहीं मिल रहा है। उनका सही तरीके से विकास नहीं हो रहा है। वे स्वत: पीछे हो रहे हैं। अपने बच्चों की ऐसी हालत देखकर उनके माता-पिता पर क्या बीत रही होगी। 
 
इमरान ने पाकिस्तान की जनता से आह्वान किया कि वह गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य देखभाल सुविधा में सुधार और बच्चों को उचित पोषाहार प्रदान करने में उनके साथ मिलकर काम करे। प्रधानमंत्री ने अमीरों और गरीबों की जीवनशैली में बढ़ते फासले को भी रेखांकित किया।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

India-Pakistan War : पाकिस्तान पर काल बनकर बरसीं ये स्वदेशी मिसाइलें, आतंक के आका को सदियों तक रहेगा भारतीय हमले का सदमा

डोनाल्ड ट्रंप ने दिया संकेत, भारत ने की अमेरिकी वस्तुओं पर शुल्क घटाने की पेशकश

भारत और PAK के बीच मध्यस्थता वाले बयान से पलटे Donald Trump, बोले- मैंने मदद की

कर्नल सोफिया कुरैशी के बाद अब विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर विवादित बयान, जानिए रामगोपाल यादव ने क्या कहा

Donald Trump ने Apple के CEO से कहा- भारत में बंद करें iPhone बनाना, सबसे ज्यादा टैरिफ वाला देश, बेचना मुश्किल

सभी देखें

नवीनतम

LIVE : भुज एयरबेस पर जवानों से मिलेंगे राजनाथ, विजय शाह मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

Weather Updates: दिल्ली एनसीआर में गर्मी से बुरा हाल, उत्तराखंड में बारिश के आसार, IMD अलर्ट

पाकिस्तानी पीएम शहबाज ने की शांति के लिए बातचीत की पेशकश, क्या है भारत का जवाब?

हरियाणा में पकड़ाया पाकिस्तानी जासूस, ISI को भेज रहा था खुफिया जानकारी

MP : सरकारी कार्यशाला में विजय शाह की फोटो पर भड़के अफसर, मंत्री की जगह लगाई PM मोदी की तस्वीर

अगला लेख