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नेपाल में नए नियम... चीनी राजदूत ‘हाओ यांकी’ अब कैसे मिलेंगी प्रधानमंत्री ‘ओली’ से?

हमें फॉलो करें नेपाल में नए नियम... चीनी राजदूत ‘हाओ यांकी’ अब कैसे मिलेंगी प्रधानमंत्री ‘ओली’ से?

नवीन रांगियाल

, शुक्रवार, 28 अगस्त 2020 (14:03 IST)
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली के साथ मुलाकातों को लेकर चर्चा में चीनी राजदूत हाओ यांकी के लिए अब यह मेलजोल इतना आसान नहीं होगा।

दरअसल, नेपाल के विदेश मंत्रालय ने विदेशी राजनायिकों के लिए नियमों में बदलाव करने का फैसला किया है। नए नियमों के मुताबि‍क अब कोई भी फॉरेन डिप्लोमैट नेपाल के किसी भी नेता से सीधे मुलाकात नहीं कर सकेगा।

बता दें कि नेपाल में चीनी राजदूत हाओ यांकी का अब तक खासा दखल रहा है। वो प्रधानमंत्री ओली के निवास पर कई बार देखी गई हैं, नेपाल की राजनीति‍ में उथल-पुथल के दौरान उनका हस्‍तक्षेप और भारत के खि‍लाफ ओली की बयानबाजी के पीछे भी हाओ यांकी का हाथ माना जाता है।

मीडि‍या रिपोर्ट तो यह भी कहती है कि पिछले दिनों नेपाल ने नया नक्‍शा जारी किया था वो भी चीन और हाओ यांकी की शै पर किया गया था।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ महीने से नेपाल में सियासी संकट चल रहा है। इस दौरान चीन की राजदूत हाओ यांकी ने सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के कई नेताओं के अलावा राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी तक से सीधे मुलाकात की थी। ओली की सत्‍ता को बचाने के लिए दिन-रात एक करने वाली चीन की राजदूत हाओ यांकी के खिलाफ नेपाल में सड़क से लेकर राजनीतिक गलियारे तक विरोध तेज हो गया था।

देश में जारी इस विरोध से सकते में आई ओली सरकार को नए नि‍यमों वाला यह कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। पाकिस्‍तान में काम कर चुकीं हाओ यांकी ने नेपाली प्रधानमंत्री से लेकर सेना प्रमुख तक को अपने इशारों पर चलने के लिए मजबूर कर दिया है। फार्राटेदार उर्दू बोलने में माहिर हाओ इन दिनों नेपाल में भारत और अमेरिका के खिलाफ चीनी अजेंडे को सेट करने में जुट गई हैं।

हाओ यांकी की कोशिश है कि किसी भी तरीके से नेपाल कम्‍युनिस्‍ट पार्टी को ओली के समर्थन में खड़ा रखा जाए जो इन दिनों भारत के खिलाफ लगातार कई फैसले ले चुके हैं। यही नहीं ओली सरकार ने चीनी राजदूत के इशारे पर अमेरिका से मिलने वाली 50 करोड़ डॉलर की सहायता को भी ठंडे बस्‍ते में डाल दिया था।

दरअसल, चीन को लग रहा है कि ओली ही शख्‍स हैं जिन्‍हें नेपाल में भारत और अमेरिका के प्रभाव को खत्‍म करने के लिए इस्‍तेमाल किया जा सकता है। वहीं ओली भी पिछले दिनों लगातार चीनी राजदूत के इशारे पर भारत के खिलाफ जहरीले बयान दे रहे थे।

हालांकि भारत के सख्‍त रुख के बाद अब ओली के सुर बदल रहे हैं। ओली ने हाल ही में भारत के स्‍वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया था। इस दौरान उन्‍होंने भारत-नेपाल संबंधों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया।

लेकिन अब तक जो हाओ यांकी नेपाल के चीफ ऑफ आर्मी स्‍टाफ जनरल पूरनचंद्र थापा से लेकर प्रधानमंत्री केपी ओली के घर तक बे-रोकटोक आ जा सकती थीं, नेपाल की राष्‍ट्रपति चीनी राजदूत को स्‍पेशल डिनर पर बुलाती हैं और अकेले में मुलाकात करती थीं। वो हाओ यांकी अब नए नियमों के साथ यह सब कैसे कर पाएगी, यही देखना दिलचस्‍प होगा।

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