लिस्बन। पुर्तगाल की संसद ने एक ऐसे कानून को मंजूरी दी है, जो नागरिकों को 16 साल की उम्र से अपना लिंग परिवर्तन करने और नाम बदलने की अनुमति देगा और इसके लिए उन्हें कोई मेडिकल रिपोर्ट भी नहीं दिखानी होगी।
पुर्तगाल के राजनीतिक दल लेफ्ट ब्लॉक से सांसद सैंड्रा चुन्हा ने कहा कि इस कानून के आ जाने से पुर्तगाल डेनमार्क, माल्टा, स्वीडन, आयरलैंड और नॉर्वे जैसे देशों की जमात में शामिल हो गया है और यह छठा ऐसा यूरोपीय देश बन गया है, जो किसी तीसरे पक्ष के संरक्षण के बगैर और पहचान के संकट से गुजर रहे व्यक्ति को अपना उपचार कराए बिना ही उसके लिंग के आत्मनिर्णय के अधिकार को स्वीकृति देता है।
उन्होंने गुरुवार को मतदान से पहले हुई संसदीय बहस में दलील दी, कोई पुरूष है या महिला, लड़का है या लड़की, यह बताने के लिए उसे किसी तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं होती। पुर्तगाल में वर्ष 2011 से अमल में आए एक कानून के मुताबिक, ट्रांसजेंडर नागरिकों को जेंडर डिस्फोरिया की मेडिकल जांच करानी होती थी। जब कोई पुरूष या महिला विपरीत लिंग के प्रति नहीं, बल्कि समान लिंग के प्रति आकर्षण महसूस करे तो उसे जेंडर डिस्फोरिया कहते हैं। (वार्ता)