साना/दुबई। यमन के गृहयुद्ध में पूर्व राष्ट्रपति अली अब्दुल्ला सालेह की सड़क किनारे एक हमले में मौत हो गई। यमन में सत्ता को 33 वर्षों तक काबिज रहे 75 वर्षीय सालेह कुछ दिन पहले ही हौतियों का पक्ष छोड़कर साऊदी सैन्य गठबंधन के पक्ष में शामिल हुए थे।
हौती सैन्य सूत्रों के अनुसार उनके लड़ाकों ने राजधानी साना के बाहर सालेह के सशस्त्र वाहन को एक आरपीजी रॉकेट की मदद से रोका और फिर उसे गोली मार दी। सालेह के पक्ष ने भी काफिले पर हमले में उनकी मौत की पुष्टि की है।
खून से सने कंबल में लिपटे उनके शव को एक वीडियो सर्क्युलेट किया जा रहा है। सालेह पहले ईरान समर्थित हौती लड़ाकों और बाद में सऊदी नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन का समर्थन कर रहे थे।
सूत्रों के अनुसार सालेह की मौत से हौती लड़ाकों के लिए एक बड़ी सफलता है। वहीं राष्ट्रपति अबदल-रब मंसूर अल-हादी की अंतरराष्ट्रीय मान्यता वाली सरकार को बहाल करने करने के लिए संघर्ष में हस्तक्षेप करने वाले सऊदी नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन के लिए एक बड़ा झटका है।
सालेह की मौत के बाद अब साऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन को अगर लंबा युद्ध जारी रखता है तो हौतियों के कब्जे वाले क्षेत्रों में बड़ा हमला करने से भारी तादाद में नागरिकों के मारे जाने की आशंका है। गठबंधन के पास दूसरा विकल्प हौतियों के साथ बातचीत कर समझौते की पेशकश करने का है। (वार्ता)