बीजिंग। चीन में भारत के राजदूत गौतम बंबावले ने कहा है कि डोकलाम जैसे गतिरोध को रोकने के लिए भारत और चीन की सेनाओं को खुले माहौल में स्पष्ट एवं निष्पक्ष बातचीत करें। बंबावले ने हांगकांग के अखबार 'साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट' को दिए साक्षात्कार में कहा कि चीन के 'यथास्थिति से छेड़छाड़' करने के कारण यह विवाद शुरू हुआ।
लिहाजा दोनों पक्षों को शांति एवं स्थिरता कायम रखने के लिए भविष्य में ऐसी कोई हरकत करने से बचना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जून में प्रस्तावित चीन यात्रा से पूर्व बंबावले ने कहा कि डोकलाम संकट के बाद दोनों देशों के बीच राजनीतिक संवाद बहाल हो गया है, लेकिन इससे ज्यादा भारत और चीन की सेनाओं के बीच बातचीत की जरूरत है जो अब तक पूरी तरह बहाल नहीं हुआ है। राजदूत ने कहा कि हम दोनों देशों की सेनाओं के बीच संवाद जल्द ही शुरू करना चाहते हैं।
हमारे बीच पहले से ही स्पष्ट और निष्पक्ष बातचीत हो रही है लेकिन हमें और स्पष्ट वार्ता करने की जरूरत है। मोदी 9 और 10 जून को चीन में शांदोंग प्रांत के किंगदाओ की यात्रा करेंगे जहां वह राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।
बंबावले ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच पहले से ही बहुत अच्छी बातचीत है लेकिन इसे बेहतर बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष के गतिरोध से एक सबक मिला है कि अगर कोई भी यथास्थिति को बदलने का प्रयास करेगा तो डोकलाम जैसी स्थिति उत्पन्न होगी। चीन की सेना ने डोकलाम क्षेत्र में यथास्थिति से छेड़छाड़ की जिसके कारण भारत ने प्रतिक्रिया दी। (वार्ता)