काहिरा। सूडान की सेना ने सोमवार को प्रधानमंत्री को गिरफ्तार करने के कुछ घंटों बाद कार्यवाहक सरकार को बर्खास्त कर सत्ता पर कब्जा कर लिया। इसके बाद हजारों लोग इस तख्तापलट के विरोध में सड़कों पर आ गए। सुरक्षा बलों ने भीड़ पर गोली चलाई जिसमें 3 प्रदर्शनकारी मारे गए और 80 लोग घायल हो गए।
इस तख्तापलट की अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ ने निंदा की है। इस बीच व्हाइट हाउस के प्रवक्ता करीन ज्यां पियरे ने कहा कि अमेरिका सूडान में सेना द्वारा तख्तापलट की चेतावनी देता रहा था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और अन्य अधिकारियों को तत्काल रिहा किया जाना चाहिए। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि बाइडन प्रशासन ने सूडान को दी जाने वाली 70 करोड़ डॉलर की सहायता राशि को निलंबित कर रहा है।
जनरल अब्देल फतह बुरहान ने टेलीविजन पर दिए संदेश में घोषणा की कि देश की सत्तारूढ़ स्वायत्तशासी परिषद् और प्रधानमंत्री अब्दाला हमदोक के नेतृत्व वाली सरकार को भंग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक धड़ों के बीच झगड़े के चलते सेना को हस्तक्षेप करने को बाध्य होना पड़ा लेकिन उन्होंने देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया पूरा करने का संकल्प जताया और कहा कि नयी टेक्नोक्रेट सरकार सूडान में चुनाव कराएगी।
सत्ता पर सेना के कब्जे के विरोध में हजारों लोग राजधानी खार्तूम और इसके पास के शहर ओमडर्मन में सड़कों पर उतरे। ऑनलाइन साझा किए गए वीडियो में दिख रहा है कि प्रदर्शनकारी सड़कें जाम कर रहे हैं और टायरों में आग लगा रहे हैं, वहीं सुरक्षा बल उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दाग रहे हैं।
पूर्व निरंकुश शासक उमर अल-बशीर को सत्ता से हटाए जाने के बाद, दो साल से अधिक समय से जारी लोकतंत्रिक सरकार बनाने के प्रयासों के बीच यह खबर सामने आई है।
यह घटनाक्रम तब हुआ है जब बुरहान सत्तारूढ़ अस्थायी परिषद् का नेतृत्व असैन्य सरकार को सौंपने वाले थे। अल-बशीर के सत्ता से हटने के तुरंत बाद से स्वायत्तशासी परिषद् सरकार चला रही थी जिसमें सेना और नागरिक दोनों शामिल थे। उनके बीच सूडान में कई मुद्दों और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को अपनाने की गति पर काफी मतभेद थे।
ब्रिटेन और मिस्र से 1956 में आजाद होने के बाद सूडान में कई बार तख्तापलट हुए। अल-बशीर ने 1989 में देश की चुनी हुई सरकार को हटाकर सत्ता पर कब्जा किया था।
अधिकारियों ने बताया कि हिरासत में लिए गए मंत्रियों में उद्योग मंत्री इब्राहिम अल-शेख, सूचना मंत्री हमजा बालौल, स्वायत्तशासी परिषद् के सदस्य मोहम्मद अल-फिकी सुलेमान और प्रधानमंत्री अब्दाला हमदोक के मीडिया सलाहकार फैसल मोहम्मद सालेह शामिल हैं। हमदोक के कार्यालय के आधिकारिक फेसबुक पेज के अनुसार गवर्नर अयमान खालिद को भी गिरफ्तार किया गया है। अफ्रीकी संघ ने हमदोक सहित सूडान के सभी नेताओं को रिहा करने की अपील की है।