दुनिया के महान चित्रकार पाब्लो पिकासो 25 अक्टूबर को जन्मदिन है। वे दुनिया के सबसे महंगे कलाकार माने जाते हैं। लेकिन शायद ही आप जानते होंगे कि पाब्लो के शुरुआती दिन बहुत मुश्किलों में रहें। उन्हें अपनी पेंटिंग्स तक जलानी पड़ी थी, लेकिन जब दुनिया ने उनकी कला को पहचाना तो वे सबसे महान कलाकार बन गए।
पिकासो का 25 अक्टूबर 1881 को स्पेन के मलागा नामक शहर में जन्म हुआ था। वो 20वीं शताब्दी के सबसे अधिक चर्चित और विवादास्पद कलाकार थे।
बचपन से पिकासो कई तरह की आकृतियां बनाकर लोगों को अचरज में डाल देते थे। पिकासो के पिता कला के अध्यापक थे, इसलिए कला की प्रारम्भिक शिक्षा उन्हें अपने पिता से मिली थी।
1900 में कुछ समय के लिए पिकासो पेरिस गए थे, पेरिस तब कला का केंद्र माना जाता था। वहां पिकासो कई समकालीन कलाकारों के संपर्क में आए जिसके बाद उनकी कला पर इसका गहरा प्रभाव पड़ा।
पेरिस में पिकासो ने करीब 200 आयल पेंटिंग बना डालीं। लेकिन पहले उनकी पेंटिंग कोई नहीं खरीदता था। खुद को साबित करते करते उन्हें 10 साल लगे। तब जाकर उनके काम को पहचाना जाने लगा। पाब्लो ने अपनी एक सिग्नेचर स्टाइल विकसित की।
गुमनामी के उन सालों में उनकी हालत इतनी खराब थी कि पिकासो और उनके दोस्त मैक्स जेकब के पास सोने के लिए एक ही बिस्तर था। एक दिन में सोता था तो दूसरा रात में। जाड़े के दिनों में दोनों को एक ही बिस्तर पर सोना पड़ता था। ठण्ड से बचने के लिए बहुत बार ऐसा हुआ कि पिकासो को खुद की पेंटिंग जलानी पड़ी।
1901 से लेकर 1904 तक पिकासो ने जो काम किया उसे ब्लू पीरियड का नाम दिया जाता है क्योंकि उनकी सभी पेंटिंग्स में गहरा नीला रंग ही था।
गहरे अवसाद और गरीबी के दिनों में केवल नीले रंग का इस्तेमाल पिकासो के काम को और उदास बना रहा था। वेश्याओं, भिखारियों औऱ गरीब परिवारों का मार्मिक चित्रण तो पिकासो कर रहे थे लेकिन काम को कोई पूछने वाला तक नहीं था।
1904 से लेकर 1906 तक किये गए काम को रोज पीरियड कहा जाता है क्योंकि पिकासो के लिए ये बेहतर समय था। उन्हें फरनांद ऑलिवियर से प्रेम हुआ और उसी प्रेम के चलते उनकी पेंटिंग में बाकी रंगों ने दस्तक दी।
मज़ेदार बात है कि प्रसिद्ध होने के बाद भी आज तक पिकासो का ब्लू पीरियड वाला काम ही सबसे ज्यादा महंगा बिकता है।