लंदन। तीन बड़ी कंपनियां, रॉल्स रॉयस, एयर बस और सीमेंन्स साथ मिलकर एक इलेक्ट्रिक यात्री विमान विकसित करने की दौड़ में हैं। इन कंपनियों ने इस परियोजना को इ-फैन एक्स प्रोजेक्ट का नाम दिया है। इस योजना के तहत वर्ष 2020 तक आंशिक तौर पर ब्रिटेन में बना एक हाइब्रिड इलेक्ट्रिक प्लेन उड़ता दिख सकता है।
इन उत्पादक कंपनियों का कहना है कि वे एक छोटे और कम बजन के विमान को एक यात्री विमान में बदल देंगे ताकि इलेक्ट्रिसिटी से आंशिक तौर पर व्यवसायिक एयर ट्रैवल को वास्तविकता बना सकें। उत्पादन से जुड़ी इ-फैन एक्स प्रोजेक्ट के इंजीनियरों का कहना है कि इस नई तकनीक से अधिक साफ, शांत और सस्ती यात्राएं संभव हो सकेंगी। उनका यह भी कहना है कि वे वायुयान और एयरपोर्ट की डिजाइन में भी आमूलचूल परिवर्तन कर सकते हैं।
इस तरह बहुत से शहरों के बीच यात्राओं की रेल यात्रा को एयर ट्रैवल से बदल देंगे। फिलहाल ये कंपनियां ब्रिटिश सरकार से इस संयुक्त परियोजना के लिए आंशिक फंड की मांग कर रही हैं जोकि करोड़ों नहीं तो लाखों पौंड में होगा। इन कंपनियों का उद्देश्य एक इ-फैन एक्स डिमांस्ट्रेशन मॉडल बनाना है जोकि बीएइ 146 विमान पर आधारित होगा।
विमान में इलेक्ट्रिक यूनिट के लिए एक ऑन बोर्ड जेनरेटर होगा। प्रारंभ में एक जेनरेटर हो सकता है लेकिन बाद में इनकी संख्या दो हो सकती है और इसके बाद विमान में चार गैस टरबाइन इंजिन्स भी हो सकते हैं। विदित हो कि वर्ष 2015 में एयरबस ने इंग्लिश चैनल के पार इ-फैन या एक सिंगल सीटर इलेक्ट्रिक प्लेन उड़ाया था। लेकिन इ-फैन एक्स पैसंजर जेट विमान की क्षमता, दो मेगावाट, से तीस गुना अधिक ताकतवर सिंगल इलेक्ट्रिक इंजिन तक अधिक बढ़ानी होगी।
जानकार सूत्रों का कहना है कि इस विमान को लेकर बहुत सी एयरलाइंस ने अपनी रुचि दिखाई है लेकिन अभी भी विमान निर्माण का मूल उद्देश्य पर्यावरणीय प्रभाव को कम करना और इंधन की खपत को महत्वपूर्ण स्तर तक कम करना है।
इस मामले में रॉल्स-रॉयस के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफीसर, पॉल स्टीन का कहना है कि ' परिवहन के विद्युतीकरण के मामले में विमानन अंतिम पड़ाव रहा है और इसमें प्रगति धीरे-धीरे हुई है। पर यह विमानन के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत होगी।
इस मामले में खास बात यह है कि इलेक्ट्रिक मोटर्स के विमान को आसानी से एक ओर खिसकाया जा सकता है जिसके चलते प्लेन की समूची डिजायन में बहुत अधिक बदलाव आ सकते हैं। अगर यात्रा अधिक शांत और साफ सुथरे तरीके से होगी तो एयरपोर्ट्स को सिटी सेंटर्स के पास भी बनाया जा सकता है। यह बात विशेष रूप से विकासशील देशों के हित में होगी क्योंकि इनमें रेल लाइनों की बुनियादी सेवाओं को कम से कम रखने की जरूरत होगी।
इस मामले में स्टीन का कहना है कि 'इससे बड़े पैमाने पर यातायात को रेल से एयर में लाया जा सकता है और तब हवाई यात्रा करना नई आदर्श स्थिति बन जाएगी।' इस वर्ष की शुरुआत में इजीजेट ने कहा कि छोटी फ्लाइट्स पर एक दशक के भीतर जेट इंधन की बजाय बैटरियों से चालित हवाई जहाज उड़ेंगे। कंपनी ने अमेरिकी इंजीनियरिंग कंपनी राइट इलेक्ट्रिक से साथ एक समझौता किया है कि कंपनी ऐसे इलेक्ट्रिक विमान विकसित करने में मदद करेगी जोकि लंदन से पेरिस और अम्सटर्डम के बीच उड़ान भरेंगे।