नई दिल्ली। भारत और जर्मनी सोमवार को कृषि क्षेत्र में कृषि-पारिस्थितिकी और प्राकृतिक संसाधनों के सतत प्रबंधन के संदर्भ में सहयोग के लिए सहमत हुए हैं। जर्मनी ने वर्ष 2025 तक इस तरह की पहल के लिए 30 करोड़ यूरो तक का रियायती कर्ज उपलब्ध कराने की मंशा जताई है।
एक सरकारी बयान में कहा गया है कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और जर्मनी की आर्थिक सहयोग और विकास मंत्री स्वेंजा शुल्ज़ ने एक वर्चुअल बैठक में इस संबंध में एक घोषणा पर हस्ताक्षर किए। बयान में कहा गया है कि समझौते के अनुसार, दोनों देश अकादमिक संस्थानों और किसानों सहित खेती से जुड़े लोगों के बीच संयुक्त अनुसंधान, ज्ञान साझाकरण और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सहमत हुए हैं।
बयान में कहा गया है कि जर्मनी का आर्थिक सहयोग और विकास मंत्रालय इस पहल के तहत परियोजनाओं को वित्तीय और तकनीकी सहयोग देने के लिए वर्ष 2025 तक 30 करोड़ यूरो देने का इरादा रखता है। जर्मनी तकनीकी सहयोग परियोजना के माध्यम से भारत में कृषि-पारिस्थितिक तंत्र परिवर्तन प्रक्रिया का समर्थन करते हुए इस पहिए समन्वित सहायता प्रदान करेगा।