अफगान राष्ट्रपति बोले, हिंसा कम होने पर 5,000 तालिबान कैदियों को रिहा करेगा अफगानिस्तान

Webdunia
बुधवार, 11 मार्च 2020 (10:48 IST)
काबुल। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के प्रवक्ता ने बुधवार सुबह कहा कि अगर आतंकवादी हिंसा कम कर देते हैं तो सरकार इस सप्ताह की शुरुआत से धीरे-धीरे 5,000 तालिबान कैदियों को रिहा करेगी। इसके साथ ही उस विवाद का हल हो गया है जिससे आतंकवादियों और काबुल के बीच शांति वार्ता में देरी हो रही थी।
ALSO READ: अमेरिका-तालिबान शांति समझौता : अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की होगी वापसी
इस घोषणा से घंटों पहले अमेरिका ने कहा कि उसकी सेना ने पिछले महीने दोहा में अमेरिका और तालिबान के बीच हुए समझौते की तर्ज पर अफगानिस्तान में अपने 2 अड्डों को खाली करना शुरू कर दिया है। प्रवक्ता सदीक सिद्दीकी ने टि्वटर पर कहा कि सरकार सद्भावना के संकेत के रूप में शनिवार से 1,500 तालिबान कैदियों को रिहा करेगी, फिर वार्ता शुरू होने के बाद 3,500 अन्य कैदियों को रिहा किया जाएगा।
 
उन्होंने कहा कि यह समझौता देश में हमले कम करने की तालिबान की इच्छा पर निर्भर करेगा। इस समझौते में शुरुआत में हर दिन 100 कैदियों को रिहा किया जाएगा। तालिबान को मंगलवार से काबुल के साथ वार्ता शुरू करनी थी लेकिन आतंकवादियों की 1,000 बंधकों की रिहाई के बदले कैदियों को रिहा करने की मांग के चलते इसमें देरी हुई।
ALSO READ: अफगानिस्तान : एक दशक में 1 लाख आम नागरिकों की मौत
गनी ने पहले इससे इंकार कर दिया था लेकिन बुधवार को उनके रुख में नरमी आई। इस व्यवस्था के तहत पहले 1,500 बंधकों को छोड़े जाने के बाद वार्ता शुरू होने पर हर 2 हफ्तों में 500 तालिबान कैदियों को रिहा किया जाएगा।
 
अमेरिका के वार्ताकार जलमी खलीलजाद ने घोषणा का स्वागत किया और अफगान सरकार तथा तालिबान से कैदियों की जानकारियों पर बात करने के लिए कतर में फौरन बैठक करने का अनुरोध किया। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने भरोसा जताया था कि अफगान शांति वार्ता जल्द ही शुरू होगी। गनी विद्रोहियों से बात कर रहे हैं और आने वाले कुछ दिनों में वार्ताकार टीम की घोषणा करेंगे।
 
गौरतलब है कि अमेरिका-तालिबान समझौते के तहत विदेशी सेना 14 महीने में अफगानिस्तान छोड़ देगी। अमेरिका को शुरुआत में जुलाई के मध्य तक अपने करीब 8,600 सैनिकों को बुलाने तथा देशभर में 20 अड्डों में से 5 को बंद करना है।
 
अमेरिका के एक अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर बताया कि सैनिकों ने हेलमंद प्रांत की राजधानी लश्कर गाह तथा हेरात में सैन्य अड्डे को खाली करना शुरू कर दिया है। हेलमंद वह जगह है, जहां अमेरिका और ब्रिटिश सेना ने 18 साल तक चले युद्ध का सबसे रक्तरंजित अभियान चलाया।
 
अमेरिका और तालिबान के बीच हुए समझौते के तहत आतंकवादियों को अल कायदा जैसे समूहों को अमेरिका तथा उसके सहयोगियों की सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए एक अड्डे के तौर पर अफगानिस्तान का इस्तेमाल करने से रोकना है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Operation Sindoor के बाद Pakistan ने दी थी न्यूक्लियर अटैक की धमकी, पार्लियामेंटरी स्टैंडिंग कमेटी में क्या बोले Vikram Misri, शशि थरूर का भी आया बयान

भारत कोई धर्मशाला नहीं, 140 करोड़ लोगों के साथ पहले से ही संघर्ष कर रहा है, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी

Manipur Violence : नृशंस हत्या और लूटपाट में शामिल उग्रवादी केरल से गिरफ्तार, एनआईए कोर्ट ने भेजा ट्रांजिट रिमांड पर

ISI एजेंट से अंतरंग संबंध, पाकिस्तान में पार्टी, क्या हवाला में भी शामिल थी गद्दार Jyoti Malhotra, लैपटॉप और मोबाइल से चौंकाने वाले खुलासे

संभल जामा मस्जिद मामले में मुस्लिम पक्ष को तगड़ा झटका

सभी देखें

नवीनतम

मंत्री विजय शाह केस में SIT का गठन, ये 3 IPS करेंगे मामले की जांच

क्या रुकेगा रूस-यूक्रेन युद्ध, जेलेंस्की के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने 2 घंटे तक फोन पर पुतिन से की बात, थम जाएगा युद्ध?

Pakistani Spy Arrest : देश से गद्दारी कर पाकिस्तान के लिए कर रहे थे जासूसी, पंजाब, हरियाणा और उत्तरप्रदेश से 12 लोगों की गिरफ्तारी

लोकमाता देवी अहिल्या हैं नारी सशक्तीकरण, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और सुशासन की मिसाल : मोहन यादव

Weather Update : बेंगलुरु में रातभर हुई भारी बारिश, जलभराव से यातायात बाधित, मौसम विभाग ने दी यह चेतावनी

अगला लेख