इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के मंत्रिमंडल में कम से कम 7 सदस्य ऐसे हैं जिनके पास या तो दोहरी नागरिकता है या फिर वे दूसरे देशों के स्थायी निवासी हैं।
अखबार डॉन के मुताबिक कैबिनेट डिवीजन की वेबसाइट पर जारी अधिसूचना में कहा गया है कि 2 देशों की नागरिकता रखने वाले ये सभी सदस्य गैरनिर्वाचित हैं और प्रधानमंत्री के विशेष सहायक के पदों पर तैनात हैं। इस वेबसाइट पर प्रधानमंत्री के 20 सलाहकारों और विशेष सहायकों की संपत्ति और दोहरी नागरिकता की जानकारी सार्वजनिक की गई है।
दूसरे देशों की नागरिकता रखने वालों में प्रधानमंत्री के अनिवासी पाकिस्तानी मामलों के विशेष सहायक (एसएपीएम) सैयद जुल्फिकार बुखारी (ब्रिटेन), पेट्रोलियम मामलों के विशेष सहायक नदीम बाबर (अमेरिका), राजनीतिक मामलों के विशेष सहायक शाहबाज गिल (अमेरिका) और राष्ट्रीय सुरक्षा पर विशेष सहायक मोईद यूसुफ (अमेरिका) शामिल हैं। इसके अलावा इस फेहरिस्त में ऊर्जा मामलों के विशेष सहायक शहजाद कासिम (अमेरिका), संसदीय समन्वय पर विशेष सहायक नदीम अफजाल गोंडल (कनाडा) और डिजिटल पाकिस्तान पर विशेष सहायक तानिया एस ऐड्रुस (कनाडा और सिंगापुर) का नाम भी शामिल है।
कैबिनेट डिवीजन ने गैरनिर्वाचित सलाहकारों की सभी जानकारियां भी साझा की हैं जिसमें पता चला है कि बाबर की पाकिस्तान में 31 करोड़ रुपए की संपत्ति है। इसके अलावा अमेरिका में भी उनकी 31 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति है। उनकी व्यापार पूंजी 2.15 अरब रुपए से अधिक है।
बुखारी पाकिस्तान और ब्रिटेन दोनों में संपत्ति रखते हैं। वह पाकिस्तान में टोयोटा लैंड क्रूजर और ब्रिटेन में 4 वाहन- बेंटले (2017), रेंज रोवर और 2 मर्सिडीज के मालिक हैं। अमेरिका, ब्रिटेन और सिंगापुर में एड्रुस की संपत्ति है। वित्त पर सलाहकार हाफिज शेख के पास लगभग 3 अरब रुपए की संपत्ति और जायदाद है। वाणिज्य मामलों के सलाहकार अब्दुल रजाक दाऊद के पास 2 अरब से अधिक की संपत्ति है।
लेफ्टिनेंट जनरल असीम सलीम बाजवा के पास 1.4 अरब से अधिक मूल्य की एक मकान, भूखंड, वाणिज्यिक भूखंड और कृषि भूमि (65 एकड़) सहित 8 संपत्तियां हैं। वित्त सलाहकार हाफिज़ शेख के पास लगभग 30 करोड़ रुपए की संपत्ति और जायदाद है। वाणिज्य पर सलाहकार अब्दुल रजाक दाऊद के पास 2 अरब से अधिक की संपत्ति है।
गौरतलब है कि दोहरे नागरिक वाले कैबिनेट मंत्री गैरनिर्वाचित सदस्य हैं। वे सब प्रधानमंत्री के विशेष सहायक के रूप में कार्यरत हैं। इन्हें एसएपीएम भी कहा जाता है।
पाकिस्तान में एक विदेशी नागरिक चुनाव नहीं लड़ सकता है। चुनाव लड़ने वाले सभी लोग चुनाव से पहले अपनी संपत्ति की घोषणा करते हैं लेकिन गैर-निर्वाचित सदस्यों के लिए ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। इन मंत्रियों को चुनाव का सामना नहीं करना पड़ा और प्रधानमंत्री इमरान खान ने बहुत चतुराई से इनको अपनी कैबिनेट में जगह दी। लेकिन इस वास्तविकता के उजागर होने के बाद इमरान सरकार की मुसीबत और बढ़ सकती है। (वार्ता)