1. 1. एनी बेसेंट का जन्म 1 अक्टूबर 1847 को लंदन में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। बाल्यावस्था में ही उनके पिता का निधन हो गया।
2. उनके पिता विलियम वुड और माता एमिली मॉरिस थे। एनी बेसेंट पर उनके माता-पिता के धार्मिक विचारों का असर था। इसलिए एनी बेसेंट की धर्म में गहरी दिलचस्पी थी।
3. कम उम्र में ही उन्होंने फ्रांस और जर्मनी की यात्रा की और वहां की भाषाएं सीखी।
4. एनी बेसेंट भूत-प्रेत जैसी रहस्यमयी चीजों में विश्वास करती थीं।
5. स्वतंत्रता सेनानी एनी बेसेंट ने भले ही विदेशी महिला थीं लेकिन उन्होंने भारत को एक सभ्यता के रूप में स्वीकार किया और यहां राष्ट्रवाद को गले से लगाया।
6. एनी बेसेंट की शादी पादरी रेवरेंड फ्रैंक से हुई थी, लेकिन यह शादी ज्यादा नहीं चल पाई और दोनों में तलाक हो गया।
7. सन् 1878 में उन्होंने पहली बार भारत के बारे में अपने विचार प्रकट किए। उनके विचारों ने भारतीयों के मन में उनके प्रति गहरा स्नेह उत्पन्न कर दिया। वे भारतीयों के बीच कार्य करने के लिए दिन-रात सोचने लगीं।
8. सन् 1883 में वह समाजवादी विचारधारा के प्रति आकर्षित हुईं। उन्होंने लंदन में मजदूरों के पक्ष में सोशलिस्ट डिफेंस संगठन नामक संस्था बनाई।
9. एनी बेसेंट 1889 में थियोसोफी के विचारों से बेहद प्रभावित हुई और 21 मई, 1889 को थियोसोफिकल सोसायटी से जुड़ गईं। शीघ्र ही उन्होंने थियोसोफिकल सोसायटी की वक्ता के रूप में महत्वपूर्ण स्थान बनाया। उनका भारत आगमन 1893 में हुआ। वर्ष 1907 में वह थियोसोफिकल सोसायटी की अध्यक्ष निर्वाचित हुईं।
10. एनी बेसेंट सभ्यता और राष्ट्रीयता को सहचर मानती थीं। उन्होंने पाश्चात्य भौतिकवादी सभ्यता की कड़ी आलोचना करते हुए प्राचीन हिंदू सभ्यता को श्रेष्ठ सिद्ध किया।
11. एनी बेसेंट ने निर्धनों की सेवा में आदर्श समाजवाद देखा। शोषित और गरीब लोगों की दशा सुधारने के लिए जीवनपर्यंत काम किया।
12. एनी बेसेंट 1913 से लेकर 1919 तक भारत के राजनीतिक जीवन की अग्रणी विभूतियों में से एक थीं। कांग्रेस ने उन्हें काफी महत्व दिया और उन्हें अपने एक अधिवेशन की अध्यक्ष भी निर्वाचित किया।
13. अपने होमरूल आंदोलन से एनी बेसेंट ने लोगों में चेतना का संचार किया। और बाल गंगाधर तिलक के साथ मिलकर होमरूल लीग यानी स्वराज संघ की स्थापना की और स्वराज के आदर्श को लोकप्रिय बनाने में जुट गई। हालांकि बाद में तिलक से विवाद हो गया था।
14. जब गांधीजी ने सत्याग्रह आंदोलन प्रारंभ किया तो वह भारतीय राजनीति की मुख्यधारा से अलग हो गईं।
15. एनी बेसेंट विधवा विवाह एवं अंतर-जातीय विवाह के पक्ष में थीं, लेकिन वे बहुविवाह को नारी गौरव का अपमान एवं समाज के लिए अभिशाप मानती थीं।
16. उस काल में बाल गंगाधर तिलक के अलावा उन्होंने भी गीता का अनुवाद किया।
17. वे एक रचनात्मक लेखिका और प्रभावशाली वक्ता थीं।
18. एनी बेसेंट भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में अहम योगदान देने वाली स्वतंत्रता सेनानी, प्रख्यात समाज सुधारक, भारत-प्रेमी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष थीं।
19. वह आयरिश मूल की होने पर भी उन्होंने भारत को अपना दूसरा घर बना लिया था। उन्होंने भारतीयों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ीं।
20. एनी बेसेंट का निधन 20 सितंबर, 1933 को अड्यार (मद्रास) में हुआ था। उनकी इच्छा के अनुसार उनकी अस्थियों को गंगा में प्रवाहित कर दिया गया।