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indore : इंदौर में सबसे बड़ा नवरात्रि महाकुंभ, 1 करोड़ मंत्र जाप, 10 लाख हवन आहुतियां और 11,000 गोल्डन-कोटेड अष्टलक्ष्मी कलश और 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

इंदौर , गुरुवार, 18 सितम्बर 2025 (20:27 IST)
भव्य परिसर का भव्य प्रवेश मार्ग और अन्दर जाते ही दोनों तरफ 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन के साथ मां पद्मावती के भव्य मंदिर की अद्भुत प्रतिकृति, जहां मां अपने भक्तों को दर्शन देंगी... ये सब इंदौर में होने जा रहे मध्यप्रदेश के सबसे बड़े नवरात्रि महोत्सव के भव्य परिसर में नजर आ रहा है। इसकी तैयारियां अंतिम चरण में हैं। ये भव्य और अद्वितीय धार्मिक आयोजन 22 सितंबर से 2 अक्टूबर तक वीआईपी परस्पर नगर में कृष्णगिरी पीठाधीश्वर, पूज्यपाद जगतगुरु श्री श्री 1008 आचार्य वसंत विजयानंद गिरिजी महाराज के सानिध्य में होगा।
 
 25 एकड़ भूमि पर इस विशाल प्रांगण को कई राज्यों के 150 से ज्यादा कलाकार जुलाई माह से रात-दिन तैयार करने में जुटे हैं।  आयोजन में 23 रूपों की मां दुर्गा की झांकियाँ, 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन, 1 करोड़ मंत्र जाप, 10 लाख हवन आहुतियाँ और 11,000 गोल्डन-कोटेड अष्टलक्ष्मी कलश देखने को मिलेंगे।
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इस आयोजन की भव्यता का अंदाजा इसके भव्य परिसर से पहले इसके प्रवेश द्वार से हो रहा है कि इसे भी भव्य रूप देते हुए तैयार किया गया है। 470 फुट बाय 65 फुट के प्रवेश द्वार के ठीक सामने स्वर्ण लेपित कलश की विशाल प्रतिकृति और एक तरफ तैयार हो रहीं 30 फुट की देवी अहिल्याबाई होलकर की दिव्य प्रतिमा और राजबाड़ा की प्रतिकृति के साथ विश्व प्रसिद्ध श्री खजराना गणेश मंदिर के दर्शन भक्तों को होंगे। इस विशाल प्रवेश द्वार से भीतर जाते ही मां पद्मावती के मंदिर के साथ 12 ज्योतिर्लिंग की प्रतिकृति का निर्माण किया गया है। हूबहू मंदिरों की प्रतिकृति ऐसा अहसास से रही है, मानो भक्त स्वयं मंदिर के बाहर ही खड़े हों।
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बाल क्रीड़ा उद्यान से लेकर खोया-पाया वस्तु केंद्र भी 
'अति विशाल नवरात्रि महामहोत्सव' के लिए कलाकार रात-दिन एक करके विश्व की सबसे बड़ी यज्ञशाला का निर्माण करने में जुटे हुए हैं। यह यज्ञ शाला 25 हजार स्क्वायर फीट में तैयार की जा रही है, जिसका काम भी लगभग पूर्ण हो चुका है। इस परिसर में बाल क्रीड़ा उद्यान से लेकर संत निवास, मुख्य अतिथि विश्राम स्थल, खोया-पाया वस्तु केंद्र, पुलिस सहायता केंद्र, शिशु पालन केंद्र से लेकर पुरुष और महिला प्रसादम केंद्र तक तैयार किए गए हैं।
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स्वर्ण लेपित कलश की स्थापना 
आयोजन स्थल पर ही स्वर्ण लेपित अष्ट कलश भी स्थापित किए गए हैं। प्रतिदिन यज्ञ स्थल पर शाम 7 से रात 10 बजे तक देवी भागवत कथा भी होगी। इस कथा श्रवण में भक्तों का मां के दिव्य अवतारों से साक्षात्कार होगा। वहीं, शक्ति उपासना से मिलने वाले चमत्कारी फल भी प्राप्त होंगे। साथ ही जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शांति की प्राप्ति होगी। Edited by : Sudhir Sharma

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