खनिज और पुलिस विभाग की मिलीभगत से नो एंट्री में खुलेआम खाली हो रहे 20-20 टन के रेती-गिट्टी के डंपर
मैटेरियल सप्लायर्स से वसूली करके सरकार को करोड़ों की हानि पहुँचा रहे हैं खनिज विभाग के अधिकारी
एरोड्रम रोड़ पर भयावह हादसे के बाद भी इंदौर में खुलेआम रेत और गिट्टी के डम्पर मैटेरियल सप्लाई करने वाली अवैध दूकानों पर खाली हो रहें हैं। रहवासी कालोनियों में रेत और गिट्टी के पहाड़ बनाकर मंहगें दरों पर रेत बेचने का खेल जारी हैं।
पूर्व महासचिव मप्र कांग्रेस कमेटी राकेश सिंह यादव ने इस पूरे मामले को लेकर मुख्यमंत्री को शिकायत की। मप्र कांग्रेस कमेटी के पूर्व महासचिव राकेश सिंह यादव ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अवैध रेत और गिट्टी भंडारण की जानकारी देकर सख्त कार्यवाही की मांग की।
नो एंट्री में अवैध वसूली का खेल : उल्लेखनीय हैं की शहर में भारी वाहन प्रतिबंधित हैं, लेकिन रेती और गिट्टी के डम्पर को खुलेआम कालोनियों में खेरची दूकानों पर ख़ाली अवैध तरीक़े से कराया जा रहा हैं। एक डम्पर रेती या गिट्टी का नो एंट्री में ख़ाली कराने का पुलिस अवैध वसूली के रूप में 3000 रूपए एंव खनिज विभाग के अधिकारी बिना लायसेंस भंडारण की अवैध सहमति के लिए 5000 रूपए प्रति डम्पर वसूल रहें हैं।
लायसेंस रेत में करोड़ों का खेल : सरकार को प्रतिमाह करोड़ों की राजस्व हानि हो रहीं हैं। जबकि नियमानुसार रेत डंप करने का लायसेंस खनिज विभाग जारी करता हैं। रेत भंडारण की इजाज़त रहवासी क्षेत्रों में नहीं दी जाती हैं। रेत भंडारण में सरकार के नियमों का पालन करना अतिआवश्यक हैं। रेत एवं गिट्टी भंडारण की लायसेंस प्रकिया में शासन को निश्चित राशि जमाकर लायसेंस प्रदान किया जाता हैं। लेकिन इंदौर में बिना लायसेंस रेत का भंडारण करके करोड़ों का खेल किया जा रहा हैं।
क्या है नियम : उल्लेखनीय हैं की रेत एंव गिट्टी के भंडारण हेतु अनुमति (Stock License) खनिज विभाग से स्टॉक लाइसेंस लेना अनिवार्य है। बिना अनुमति रेत/गिट्टी का भंडारण गैरकानूनी है और उस पर ज़ब्ती एवं जुर्माने का प्रावधान है। लाइसेंस लेने के लिए खनिज विभाग को आवेदन, आवश्यक शुल्क और स्थल का नक्शा प्रस्तुत करना अनिवार्य है। स्थल का चयन खनिज विभाग/स्थानीय प्रशासन (नगर निगम/नगर पालिका/ग्राम पंचायत) द्वारा स्थल का निरीक्षण और अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) लिया जाना अनिवार्य है। रहवासी क्षेत्रों, विद्यालय, अस्पताल और घनी आबादी वाले इलाकों में रेत-गिट्टी का भंडारण की अनुमति नहीं दी जाती हैं। क्योंकि धूल प्रदूषण ट्रक/डंपर आवाजाही से यातायात बाधित होने के साथ दुर्घटना का खतरा रहता हैं। माइनिंग रूल्स” (प्रदेशीय खनिज नियमावली) और “पर्यावरण संरक्षण अधिनियम” के प्रावधान लागू होते हैं। नगर निगम/नगर पालिका के ज़ोनिंग उपविधियों में भी रहवासी क्षेत्र में भंडारण प्रतिबंधित है।
केवल औद्योगिक क्षेत्र या विभाग द्वारा स्वीकृत ओपन यार्ड में ही स्टॉकयार्ड की अनुमति देना अनिवार्य है। बिना अनुमति रहवासी क्षेत्र में भंडारण करने पर खनिज विभाग जब्ती कर सकता है। लेकिन इंदौर में खनिज विभाग भ्रष्टाचार में लिप्त होकर शासन को करोड़ों की राजस्व हानि करा रहा हैं।
रोजना करोड़ों की राजस्व हानि : रहवासी क्षेत्र में रेत और गिट्टी का भंडारण अनुमति योग्य नहीं है। लेकिन खनिज विभाग बिना अनुमति के रहवासी क्षेत्रों में रिश्वत लेकर रेती और गिट्टी का अवैध भंडारण करा रहा हैं। जबकि केवल खनिज विभाग द्वारा लाइसेंस प्राप्त, स्वीकृत स्थल (अधिकतर औद्योगिक/वाणिज्यिक क्षेत्र) में ही भंडारण किया जा सकता है। सरकार को रोजना करोड़ों की राजस्व हानि हो रही हैं।
Edited By: Navin Rangiyal