इंदौर। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा पांच धार्मिक नेताओं को राज्य मंत्री का दर्जा दिए जाने से विवाद खड़ा हो गया है। इस बीच, इन हस्तियों में शामिल आध्यात्मिक गुरु भय्यू महाराज ने घोषणा की है कि वह राज्य मंत्री दर्जे का कोई सरकारी लाभ नहीं लेंगे।
इंदौर निवासी भय्यू महाराज ने कहा, प्रदेश सरकार ने मुझे नर्मदा नदी की रक्षा के लिए बनाई गई विशेष समिति में शामिल कर मुझ पर जो भरोसा जताया है। उस पर मैं एक आम नागरिक की तरह खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगा। लेकिन मैं राज्य मंत्री के दर्जे का किसी तरह का सरकारी लाभ नहीं लूंगा।
50 वर्षीय आध्यात्मिक गुरु ने कहा, मैंने अपने जीवन में अब तक न तो लाभ का कोई पद ग्रहण किया है, न ही किसी पद का लाभ लिया है। लिहाजा मैं राज्य मंत्री दर्जे से मिलने वाली कोई भी सरकारी सुख-सुविधा स्वीकार नहीं कर सकता।
राज्य सरकार के कल तीन अप्रैल को जारी आदेश के अनुसार, प्रदेश के विभिन्न चिन्हित क्षेत्रों में विशेषतः नर्मदा किनारे के क्षेत्रों में वृक्षारोपण, जल संरक्षण तथा स्वच्छता के विषयों पर जन जागरूकता का अभियान निरंतर चलाने के लिए 31 मार्च को विशेष समिति गठित की गई है।
इस समिति के पांच सदस्यों-नर्मदानंद महाराज, हरिहरानंद महाराज, भय्यू महाराज, कम्प्यूटर बाबा और योगेंद्र महंत को राज्यमंत्री स्तर का दर्जा प्रदान किया गया है।