Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024

आज के शुभ मुहूर्त

(दशमी तिथि)
  • तिथि- मार्गशीर्ष कृष्ण दशमी
  • शुभ समय- 6:00 से 7:30 तक, 9:00 से 10:30 तक, 3:31 से 6:41 तक
  • व्रत-भ. महावीर दीक्षा कल्याणक दि.
  • राहुकाल-प्रात: 7:30 से 9:00 बजे तक
webdunia
Advertiesment

तेलगु कवयित्री आतुकुरि मोल्ला

हमें फॉलो करें तेलगु कवयित्री आतुकुरि मोल्ला
, बुधवार, 20 नवंबर 2019 (18:00 IST)
लेखक : आर. हरिशंकर 
मोल्ला (1440–1530) एक तेलगु कवयित्री थी। उन्होंने वाल्मीकि रामायण का संस्कृत से तेलगु में अनुवाद किया है। भगवान शिव की भक्त मोल्ला का जन्म आंध्र प्रदेश के कडप्पा जिले के एक गांव में हुआ था। उनके माता पिता भगवान मल्लिकार्जन और श्रीशैलम की देवी ब्रह्मरम्बा के महान भक्त थे। वह एक दयालु और प्रेम करने वाली महिला थीं।
 
 
दिव्य कार्य : 
उनके काम को मोल्ला रामायणम के नाम से जाना जाता है और यह कार्य पाठकों द्वारा अच्छा और सरल माना जाता है। वह एक विनम्र और मृदुभाषी महिला थीं, जिन्होंने अपने भाषण के माध्यम से कभी किसी को आहत नहीं किया। विजयनगर के सम्राट श्री कृष्णदेव राय द्वारा उनके आध्यात्मिक कार्यों के लिए उन्हें "कवि रत्न" की उपाधि से सम्मानित किया गया।
 
अपनी वृद्धावस्था के दौरान, वह श्रीशैलम आई और शेष जीवन वहीं रहकर भगवान शिव को समर्पित करने में व्यतीत किया। वहीं उन्होंने लोगों के लिए आध्यात्मिक मार्ग भी दिखाया। उन्होंने 90 वर्ष तक जीवन व्यतीत किया और अंत में उन्होंने समाधि प्राप्त की।
 
उन्होंने जिस तरह एक महान जीवन जिया था उससे आने वाली पीढ़ियों के लिए भविष्य में वह एक उदाहरण के रूप में हमेशा रहेंगी। उनकी कविताओं को आज भी लोगों द्वारा व्यापक रूप से खूब गाया जाता है।
 
यद्यपि वह एक शिव भक्त थी, वह एक विष्णु भक्त भी थी, जिसने रामायण का तेलुगु में अनुवाद किया है। अपनी जिंदगी के दौरान, वह अपनी सादगी, दया और सौम्यता के कारण सभी द्वारा पसंद की गई थी। धरती से जाने के बाद, वह स्वर्ग में पहुंच गई हैं। आइए हम उनसे प्रार्थना करें और धन्य हों।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कुंडली में चांडाल योग क्या है और कैसा है इसका असर? जानिए 5 अचूक उपाय