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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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भैरवाष्टमी पर इन 5 व्यंजनों से लगाएं भोग, भैरवजी होंगे प्रसन्न...

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* इन 5 प्रकार के प्रसादों से प्रसन्न होंगे कालभैरव, देंगे शुभ फल... 
 
भगवान कालभैरव को प्रसन्न के लिए उनको काली उड़द से बने व्यंजनों का भोग/ प्रसाद चढ़ाने का विधान है। उन्हें काली उड़द की दाल से बने गुलगुले, इमरती, दही बड़े, पकौड़े,  कचौरी आदि का भोग लगाने से वे प्रसन्न होते हैं तथा जीवन में मिल रहे अशुभ फल दूर होकर शुभ फल मिलने लगते हैं। यहां पाठकों के लिए प्रस्तुत हैं भैरवजी को प्रसन्न करने वाली उड़द से निर्मित 5 पकवानों की व्यंजन विधियां... 
 
1. उड़द दाल के दही बड़े
 
सामग्री : 
2 कटोरी उड़द दाल का पेस्ट (गाढ़ा), 1 कप ताजा दही (फेंटा हुआ), एक चम्मच भुना पीसा जीरा, लाल मिर्च पावडर व नमक स्वादानुसार, बारीक कटा हरा धनिया और सरसों का तेल।   
 
विधि : 
सबसे पहले उड़द दाल के पेस्ट में नमक, मिर्च और हरा धनिया मिलाकर अलग रख दें। अब कड़ाही में तेल गरम करें। एक कटोरी पर कपड़ा रखकर उस पर उड़द दाल का पेस्ट रखें कर हाथ से दबाएं और धीरे से कड़ाही में छोड़ दें। फिर सुनहरा होने तक तलें। तत्पश्चात 10-15 मिनट गर्म पानी में भिगोकर रखें। 
 
फिर पानी से निकालकर हल्के हाथ से दबाएं और एक प्लेट में रखें। ऊपर से दही, इमली की चटनी, चुटकी भर लाल मिर्च पावडर, नमक, जीरा पावडर तथा हरा धनिया डालें और  उड़द दाल के दही बड़े से भैरवजी भोग लगाएं। त‍त्पश्चात वो दहीबड़े गरीबों में वितरित कर दें। 
 
 
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2. उड़द दाल के क्रिस्पी गुलगुले
 
सामग्री :
250 ग्राम काली उड़द का आटा, 125 ग्राम शक्कर, एक चम्मच इलायची पावडर, एक छोटी चम्मच खसखस, तलने के लिए सरसों/मीठा तेल।
 
विधि :
सर्वप्रथम काली उड़द के आटे में शक्कर डालकर उसका गाढ़ा घोल करके आधे घंटे के लिए रख दें। तत्पश्चात उसमें इलायची पावडर, खसखस के दाने डालकर मिश्रण को एकसार कर लें। अब एक कड़ाही में तेल गरम कर उसके गोल-गोल गुलगुले तैयार करें और भैरवजी को भोग लगाएं। 
 
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3. उड़द दाल की जलेबी
 
सामग्री : 
200 ग्राम धुली उड़द दाल का आटा, पाव चम्मच काली मिर्च पावडर, 500 ग्राम शक्कर तैयार चाशनी, तलने के लिए तेल। 
 
विधि : 
सर्वप्रथम उड़द दाल का आटे में काली मिर्च पावडर मिलाकर अच्छी तरह नरम आटे की तरह गूंथे और 10 मिनट के लिए रख दें। अब कड़ाही में घी गरम करें, आटे की लोइयां बना लें। हर लोई को पतला-पतला बेलकर रोल करें। 
 
अब उसको जलेबी के आकार में घुमाती जाएं, हथेली भर जब आकार हो जाए तो उसको गरम घी में तल लें। इसी प्रकार से सभी जलेबियां बना लें। अब चाशनी में डालकर तुरंत निकाल कर अलग रख लें। तैयार उड़द की जलेबी से भैरवजी‍ भोग लगाएं। 
 
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4. रसीली इमरती
 
सामग्री : 
250 ग्राम उड़द की दाल (छिलके रहित) 50 ग्राम अरारोट, 500 ग्राम शक्कर, 1 चुटकी केशरिया पीला रंग खाने का, तलने के लिए सरसों का तेल अथवा घी, जलेबी बनाने वाला गोल छेद का रुमाल के बराबर मोटा कपड़ा। 
 
विधि : 
उड़द की दाल को धोकर, 4-5 घंटे पानी में गलाइए। फिर पानी निथार कर मिक्सर में चिकना पीसिए। पिसी हुई दाल में पीला रंग और अरारोट मिलाकर खूब अच्छी तरह फेंटिए। 
 
परात में हथेली की सहायता से फेंटने में आसानी रहेगी। अब शक्कर की डेढ़ तार की चाशनी बनाइए। एक समतल कड़ाही लेकर उसमें घी अथवा सरसों का तेल गर्म करें। जलेबी बनाने वाले कपड़े में फेंटी हुई दाल का थोड़ा घोल भरें। मुट्ठी से कपड़ा बंद कर तेज आंच पर गोल-गोल कंगूरेदार इमरती बनाकर कुरकुरी होने तक तलिए। झारे से निथारकर इन्हें चाशनी में डुबोकर निकाल लें। लीजिए घर पर बनी रसीली इमरती से भैरवजी भोग लगाकर गरीबों में बांट दें। 
 
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5. उड़द की दाल कुरकुरी कचौरी 
 
सामग्री : 
150 ग्राम उड़द की दाल, 15 0 ग्राम मैदा, एक कप दही, एक चम्मच सफेद जीरा, एक चम्मच लालमिर्च, दो चम्मच नमक, कटा हुआ हरा धनिया, हरी मिर्च एवं अदरक, दो चम्मच सूजी, एक चम्मच गरम मसाला, थोड़ा-सा साबुत धनिया, चुटकी भर सोड़ा और तलने के लिए सरसों का तेल। 
 
विधि : 
सबसे पहले दाल को तीन-चार घंटे पहले से भिगोकर रखें। भीगी हुई दाल को मोटा-मोटा पीस लें। थोड़ा-सा तेल गरम करके अदरक एवं जीरा भूनें फिर पिसी दाल डाल दें। मसाले डालकर सुनहरा होने तक चलाते हुए भूनें। उतारकर कटा धनिया और कटी मिर्च मिला दें। अब मैदे, सूजी, सोडा और नमक को छान लें। थोड़ा-सा तेल और दही डालकर आटा गूंथ लें। मुलायम होने पर ढंक दें। 
 
मसाला ठंडा होने पर छोटे-छोटे लड्डू बना लें। गूंथे हुए मैदे के छोटे-छोटे पेड़े बनाकर बेलें। इनमें एक-एक लड्डू रखकर मुंह अच्छी तरह बंद करें। हथेली पर रखकर हल्का-सा शेप कचोरी का दें। अब गरम तेल में कम आंच पर दोनों तरफ से सुनहरा होने तक तल लें। अब इन कचौरियों से भगवान को भोग लगाकर गरीबों को खिला दें। 
 
- राजश्री कासलीवाल 

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