अगस्त माह में कहां-कहां जा सकते हैं ट्रिप पर, भारत और मध्यप्रदेश की 5-5 सुहानी जगहें

अनिरुद्ध जोशी
बुधवार, 20 जुलाई 2022 (06:48 IST)
Travel in august। अगस्त माह मानसून का माह रहता है। इस माह में यदि घूमने का प्लान बना रहे हैं और यदि आपको बारिश पसंद है तो आपके लिए हम लाएं हैं भारत और मध्यप्रदेश की सुहानी जगहों के बारे में संक्षिप्त जानकारी।
 
 
1. हैवलॉक आईलैंड का राधानगर बीच, अंडमान : भारत के अंडमान निकोबार द्वीप समूह के अंडमान में हैवलॉक आईलैंड का राधानगर बीच विश्‍व के सबसे सुंदर और सुकून भरे बीच में शामिल है। यहां के नीले समुद्र पर सूर्यास्त का नजारा देखने बहुत ही रोमांचभरा होता है। यह पूरी दुनिया से अनोखा है।
 
2. लोनावला हिल स्टेशन : महाराष्ट्र में मुंबई से करीब 96 किलोमीटर और खंडाला से लगभग 5 कीलोमीटर दूर स्थित है लोनावला (लोणावळा) हिल स्टेशन। पूणे से मात्र 2 घंटे का रास्ता है। इसे झीलों का जिला कहते हैं। मुंबई और पूना वासियों के लिए यह उनका फेवरिट डेस्टिनेशन है। इस हिल स्टेशन क्षेत्र में लोनावला झील, तिगौती झील, मानसून झील और वाल्वन झील प्रमुख हैं, जिन्हें देखना बहुत ही अद्भुत है। खासकर वाल्वन झील पर बना वाल्वन बांध एक बेहतरीन पिकनिक स्पॉट है।
 
3. पचमढ़ी : होशंगाबाद जिले में स्थित पचमढ़ी मध्यप्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन है जिसे मध्यप्रदेश का श्रीनगर और स्विट्जरलैंड भी कहा जाता है। रोमांटिक स्थलों में यह टॉप पर है। ऊंचे ऊंचे पहाड़, झील, झरने, गुफाएं, जंगल सभी कुछ हैं यहां पर। राजधानी भोपाल से यहां पहुंचना और रहना बहुत ही आसान और सस्ता है। पचमढ़ी के पास ही अमरकंटक वह स्थान है जहां से नर्मदा नदी का उद्गम हुआ है। हालांकि मानसून में घूमने यहां पर जा रहे हैं तो अपनी रिस्क पर ही जाएं क्योंकि यहां पर पहाड़ी पर ले जानी वाली जीप बंद हो जाती है। आप कुछ स्थानों की यात्रा बाइक से और कुछ की पैदल कर सकते हैं। पंचमढ़ी जा रहे हैं तो पास में ही अमरकंटक जरूर जाएं।
 
4. नैनीताल : इसे नैनीताल इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहां पर ऊंचे पहाड़ पर नैना देवी का एक मंदिर और प्रसिद्ध ताल है। नैनी शब्द का अर्थ है आंखें और 'ताल' का अर्थ है झील। बर्फ से ढ़के पहाड़ों के बीच झीलों से घिरा नैनीताल उत्तराखंड राज्य का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यहां गर्मियों के दिनों में भी तापमान अधिकतम 21 डीग्री ही रहता है। नैनीताल झील, नैनादेवी मंदिर, नैना चोटी, गर्वनर हाउस, टिफिन टॉप और पंडित जीबी पंत प्राणी उद्यान यहां के प्रसिद्द स्थल है। शॉपिंग के लिए आप मार्केट मॉलरोड जा सकते हैं। धर्मशाला भी बहुत अच्‍छी जगह है।
 
5. कन्याकुमारी : यहां पर तीन सागरों का संगम होता है। कन्याकुमारी में तीन समुद्रों-बंगाल की खाड़ी, अरब सागर और हिन्द महासागर का मिलन होता है। इस स्थान को त्रिवेणी संगम भी कहा जाता है। जहां समुद्र अपने विभिन्न रंगों से मनोरम छटा बिखेरते रहते हैं। समुद्र बीच पर रंग-बिरंगी रेत इसकी सुंदरता में चार चांद लगा रही थी। कन्याकुमारी अपने सूर्योदय के दृश्य के लिए काफी प्रसिद्ध है। सुबह हर होटल की छत पर पर्यटकों की भारी भीड़ सूरज की अगवानी के लिए जमा हो जाती है। शाम को सागर में डूबते सूरज को देखना भी यादगार होता है। उत्तर की ओर करीब 2-3 किलोमीटर दूर एक सनसेट प्वॉइंट भी है।
मध्यप्रदेश की 5 सुनाही जगहें :
 
1. मांडू (Mandu): इंदौर के पास विंध्याचल की खूबसूरत पर्वतमालाओं के बीच 2000 फीट की ऊंचाई पर बसा मांडू मालवा के परमारों द्वारा शासित रहा है। यहां पर राज महाराजों के महल, बावड़ी, तालाब आदि देख सकते हैं। यहां पर प्राकृतिक सुंदरता भी भरपूर है। यह स्थान इंदौर से करीब 98 किलोमीटर दूर है। मानसून में घूमने जा रहे हैं तो और भी अच्छा लगेगा। बस आपको कार चलाते वक्त ध्यान रखना होगा खतरनाक रास्तों का।
 
2. भेड़ाघाट (bhedaghat) : मानसून में यहां का झरना देखना अद्भुत है। यहां आपको सफेद संगमरमर के दो पहाड़ों के बीच नर्मदा नदी बहती हुई नजर आएगी। मध्यप्रदेश के जबलपुर के पास भेड़ाघाट नामक यह स्थान धुआंधार झरने के लिए भी प्रसिद्ध है। इसकी छटा अनुपम है और पानी के गिरने की आवाज दूर तक सुनाई देती है। नर्मदा में नौका-विहार करने का रोमांच ही कुछ और है। इसका आपको ध्यान रखना होगा कि बारिश में नर्मदा नदी उफान पर होती है। 
 
3. ओमकारेश्वर (Omkareshwar): इंदौर के पास करीब 90 किलोमीटर दूर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का मंदिर नर्मदा नदी के तट पर स्थित है। मानसून में यहां की यात्रा के दौरान नदी और घाटों के नजारे कई गुना ज्यादा सुंदर दिखाई देते हैं। यात्रा के दौरान ऐतिहासिक घाटों, प्राकृतिक खूबसूरती को संजोए पर्वत, आश्रमों, डेम, बोटिंग आदि का लुत्फ भी लिया जा सकता है। ओंकारेश्वर के पास ही महारानी अहिल्याबाई की नगरी महेश्वर को देखना न भूलें। मंडलेश्वर भी पास में स्थित है।
 
4. कान्हा राष्ट्रीय उद्यान (Kanha National Park) : एशिया के सबसे सुरम्य और खूबसूरत वन्यजीव रिजर्वों में से एक है कान्हा राष्ट्रीय उद्यान। यहां पर हजारों पशु और पक्षियों का झुंड है। मंडला और जबलपुर शहर से सड़क मार्ग द्वारा 'कान्हा राष्ट्रीय उद्यान' तक पहुंचा जा सकता है। बारिश के मौसम में भी यहां पर घूमने की सरकार ने व्यवस्था की है। खटिया गेट से बफर जोन घूमने के लिए पर्यटकों को एंट्री टिकिट मिलेगी। यह जोन लगभग 35 वर्ग किमी का है और यहां अधिकांश वन्यप्राणी दिखाई पड़ते हैं। जबकि यह पार्क 1 जुलाई से 30 सितंबर तक के लिए बंद कर दिया जाता है। यहां जाने से पहले वर्तमान का स्टेटस जरूर देख लें।
 
5. बाघ की गुफाएं (Tiger Caves) : मध्यप्रदेश के प्राचीन स्थल धार जिले में स्थित बाघ की गुफाएं इंदौर शहर से 60 किलोमीटर की दूरी पर ही है। बाघिनी नामक छोटी-सी नदी के बाएं तट पर और विंध्य पर्वत के दक्षिण ढलान पर स्थित इन गुफाओं का इतिहास भी रहस्यों से भरा है। माना जाता है कि इन गुफाओं का निर्माण भगवान बुद्ध की प्रतिदिन होने वाली दिव्यवार्ता को प्रतिपादित करने हेतु निर्मित और चित्रित किया गया था। प्राकृतिक छटाओं के बीच स्थित इन गुफाओं को बारिश में देखना बहुत ही अच्छा अनुभव रहेगा।

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