पणजी। विपक्षी दल कांग्रेस (Congress) ने 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election) से पहले गोवा के अपने 11 विधायकों में से पांच को चेन्नई भेज दिया है। मंगलवार को गोवा में कांग्रेस के 11 में से 10 विधायक वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में शामिल हुए थे। भारत के अगले राष्ट्रपति के चयन के लिए मतदान 18 जुलाई को होगा।
एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने बताया कि शुक्रवार शाम को विधानसभा की कार्यवाही समाप्त होते ही पांच विधायकों-संकल्प अमोनकर, यूरी अलेमाओ, अल्टोन डीकॉस्टा, रूडोल्फ फर्नांडीस और कार्लोस अल्वारेस फरेरा को चेन्नई रवाना कर दिया गया।
कांग्रेस नेता ने कहा कि शुक्रवार को विधानसभा की कार्यवाही समाप्त होने के बाद इन विधायकों ने सीधे चेन्नई की उड़ान भरी। उन्होंने बताया कि ये विधायक सीधे राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने के लिए सोमवार को गोवा लौटेंगे। 11 जुलाई को शुरू हुआ गोवा विधानसभा का मानसून सत्र अगले शुक्रवार तक चलेगा।
हालांकि, सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के 6 अन्य विधायकों-पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत, माइकल लोबो, डेलियाला लोबो, केदार नाइक, एलेक्सो सिक्वेरा और राजेश फलदेसाई को चेन्नई नहीं भेजा गया है। संपर्क करने पर माइकल लोबो ने कहा कि उन्हें इस बात का कोई अंदाजा नहीं है कि पार्टी के पांच विधायकों को चेन्नई क्यों ले जाया गया है।
लोबो ने कहा कि मुझे नहीं बुलाया गया था। मैं नहीं जानता कि उन्हें चेन्नई क्यों ले जाया गया है।” उन्होंने दावा किया कि वह शुक्रवार शाम को एक व्यापार यात्रा के सिलसिले में मुंबई में थे।
बीते रविवार को कांग्रेस ने माइकल लोबो को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद से हटा दिया था। पार्टी ने लोबो और कामत पर पार्टी के खिलाफ साजिश रचने और भाजपा के साथ मिलकर कांग्रेस विधायक दल में फूट डालने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए यह कदम उठाया था।
कांग्रेस ने कहा था कि लोबो और कामत सहित उसके पांच विधायक संपर्क से दूर चले गए हैं। हालांकि, इन विधायकों ने सोमवार को गोवा विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन की कार्यवाही में हिस्सा लिया था। उन्होंने दावा किया था कि कांग्रेस में कुछ भी गड़बड़ नहीं है और वे पार्टी के साथ हैं।
गोवा प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष अमित पाटकर ने विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष कामत और लोबो को अयोग्या घोषित करने की मांग वाली अर्जी दाखिल की है। द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की प्रत्याशी, जबकि यशवंत सिन्हा विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में राष्ट्रपति चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं।