सितंबर माह घूमने के लिए सबसे अच्छा माह माना गया है। इस माह में तेज बारिश का खतरा कम हो जाता है। समुद्री क्षेत्रों में भी हाई टाइड का खतरा कम रहता है और वॉटर एक्टिविटी भी प्रारंभ हो जाती है। इस माह में हरियाली भी अच्छे से छाई हुई रहती है। पहाड़ी क्षेत्रों में भी घूमने का मजा बढ़ जाता है। ऐसे में आओ जानते हैं कि इस माह में देश की किन जगहों का ट्रेवल प्लान कर सकते हैं।
1. हैवलॉक आईलैंड का राधानगर बीच, अंडमान : भारत के अंडमान निकोबार द्वीप समूह के अंडमान में हैवलॉक आईलैंड का राधानगर बीच विश्व के सबसे सुंदर और सुकून भरे बीच में शामिल है। यहां के नीले समुद्र पर सूर्यास्त का नजारा देखने बहुत ही रोमांचभरा होता है। यह पूरी दुनिया से अनोखा है।
2. शिमला : भारत के अधिकतर पर्यटक हिमाचल घुमने जाते हैं। हिमाचल में शिमला और मनाली सबसे प्रसिद्ध स्थल है। यहां घाटी और चारों ओर हिमालय पर्वत की चोटियों का सुंदर दृश्य दिखाई देता है। शिमला से मनाली लगभग 275 किलोमीटर दूर है। चारों ओर से पहाड़ों से घिरे मनाली को देखकर रोमांच और रोमांस का अनुभव होता है। आप हिचाचल के शिमला नहीं जाना चाहें तो उत्तराखंड के अल्मोड़ा हिल स्टेशन का चयन भी कर सकते हैं, जिसके पूर्व में पिथौरागढ़ व चम्पावत, पश्चिम में पौड़ी, उत्तर में बागेश्वर, दक्षिण में नैनीताल स्थित है।
3. ऊटी : तमिलनाडु का विश्व प्रसिद्ध शहर ऊटी हनीमून के लिए सबसे उपयुक्त स्थान है। इसे पहाड़ों की रानी कहा जाता है। प्रसिद्ध पर्यटन स्थल उधगमंडलम या ऊटी को डेस्टिनेशन स्पॉट बनाने में जॉन सुल्लिवन के योगदान को माना जाता है। यहां दूर-दूर तक फैली हरियाली, चाय के बागान, तरह-तरह की वनस्पतियां आपको मंत्रमुग्ध कर देगी। ऊटी में नीलगिरी पर्वतों की श्रृंखलाएं हैं। पहाड़ी से पहाड़ों, घाटियों और पठारों के नयनाभिराम दृश्य निहारना बेहद खूबसूरत अनुभव है। यहां इन्हें निहारने के लिए दूरबीन का प्रबंध किया गया है।
4. पचमढ़ी : मध्यप्रदेश में अमरकंटक के पास ही होशंगाबाद जिले में पचमड़ी बहुत ही खूबसूरत हिल स्टेशन है। ऊंचे ऊंचे पहाड़, झील, झरने, गुफाएं, जंगल सभी कुछ हैं यहां पर। झरनों के लिए आप मध्यप्रदेश के पचमड़ी में जाएं। हालांकि झरनों का शहर रांची को माना जाता है। भारत में भेड़ाघाट धुआधार (मध्यप्रदेश), कुंचिकल जल प्रपात (कर्नाटक), बरिपनी जल प्रपात (ओडिशा), नोहलिकैय जल प्रपात (मेघालय), नॉस्न्जितिंग जल प्रपात (मेघालय), क्यन्रएं जल प्रपात (मेघालय), दूधसागर झरना (गोवा– कर्नाटक), मीनमुतटी झरना (केरल), चित्रकूट झरना (छत्तीसगढ़) आदि कई जगहों पर शारदार झरनें हैं परंतु पचमढ़ी में आपको बहुत सारे झरने देखने को मिलेगें।
5. लोनावला हिल स्टेशन : महाराष्ट्र में मुंबई से करीब 96 किलोमीटर और खंडाला से लगभग 5 कीलोमीटर दूर स्थित है लोनावला (लोणावळा) हिल स्टेशन। पूणे से मात्र 2 घंटे का रास्ता है। इसे झीलों का जिला कहते हैं। मुंबई और पूना वासियों के लिए यह उनका फेवरिट डेस्टिनेशन है। इस हिल स्टेशन क्षेत्र में लोनावला झील, तिगौती झील, मानसून झील और वाल्वन झील प्रमुख हैं, जिन्हें देखना बहुत ही अद्भुत है। खासकर वाल्वन झील पर बना वाल्वन बांध एक बेहतरीन पिकनिक स्पॉट है।
6. उदयपुर : उदयपुर में भी आप कभी भी जा सकते हैं। यहां आप झीलों का मजा ले सकते हैं। यहां की हवेलियों और महलों की भव्यता को देखकर दुनिया भर के पर्यटक मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। शानदार बाग-बगीचे, झीलें, संगमरमर के महल, हवेलियां आदि इस शहर की शान में चार चांद लगाते हैं। अरावली की पहाड़ियों से घीरे और पांच मुख्य झीलों के इस शहर को देखने या घुमने-फिरने के लिए कभी भी जा सकते हैं। राजस्थान में 'जयसमंद झील' को एशिया की सबसे बड़ी कृत्रिम झील होने का दर्जा प्राप्त है। यह उदयपुर जिला मुख्यालय से 51 किमी दूर दक्षिण-पूर्व की ओर उदयपुर-सलूम्बर मार्ग पर स्थित है।
7. शिलॉन्ग : मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग भारत का सबसे खूबसूरत हिल स्टेशन है। इसे पूर्व का स्कॉटलैंड कहा जाता है। चेरापूंजी का स्थानीय और आधिकारिक नाम सोहरा है जो शिलॉन्ग से 56 किलो मीटर की दूरी पर है। यह खासी पहाड़ी के दक्षिणी किनारें पर स्थित एक छोटा सा कस्बा है। चेरापूंजी 12 महीने ही घनी बारिश के कारण विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है।
8. लक्ष्यद्वीप : यहां के मुख्य समुद्री तट हैं:- कावरती तट, कल्पेनी तट, मिनीकॉय तट, कदामत तट, अगाती तट और बंगाराम तट। यह प्रदूषण रहित वायु, स्वच्छ पानी और अतिथि सत्कार एवं सुविधा के लिए प्रसिद्ध स्थल है। यहां आप सी ड्रायविंग कर सकते हैं या चाहें तो प्राकृतिक आनंद और आराम का भरपूर मजा ले सकते हैं।
9. कान्हा राष्ट्रीय उद्यान : एशिया के सबसे सुरम्य और खूबसूरत वन्यजीव रिजर्वों में से एक है कान्हा राष्ट्रीय उद्यान। यहां काला हिरण, बारहसिंगा, सांभर और चीतलों को एकसाथ देखा जा सकता है। इसके अलावा यहां बाघ, तेंदुआ, चीतल, नीलगाय, जंगली सूअर, गौर, भैंसे, सियार आदि हजारों पशु और पक्षियों का झुंड है। मंडला और जबलपुर शहर से सड़क मार्ग द्वारा 'कान्हा राष्ट्रीय उद्यान' तक पहुंचा जा सकता है।
10. कच्छ का रण : गुजरात के कच्छ जिला क्षेत्र की राजधानी भुज एक प्राचीन और ऐतिहासिक शहर है। यहां आप कच्छ का रण या सफेद रेगिस्तान देख सकते हैं। भुज में वास्तुकला की अद्भत संरचनाओं को भी देखा जा सकता है। भुज में हमीरसार झील भी देखने लायक स्थान है। कच्छ एक रेगिस्तान क्षेत्र है। यहां का रेगिस्तान दुनिया का सबसे अलग रेगिस्तान है जो कि सफेद है। आमतौर पर रेगिस्तान पीले होते हैं परंतु यह सफेद है। यह सफेद रेगिस्तान रेत का नहीं, बल्कि नमक का है। इसे द ग्रेट रण ऑफ कच्छ कहते हैं।