* महिलाओं को रक्त की कमी, प्रदर रोग, अत्यधिक मासिक स्राव में पेठे का साग घी में भूनकर सुबह-शाम खाना चाहिए या फिर पेठे के रस में शकर मिलाकर आधा-आधा कप पीना चाहिए।
* यह महिलाओं के यौन रोगों में भी लाभकारी है। गर्भाशय की कमजोरी, बार-बार गर्भस्राव होना, प्रदर रोग में सिंघाड़े के आटे का हलवा बनाकर सेवन करना अथवा सिंघाड़े के आटे की रोटी बनाकर खाना लाभकारी होता है।
* यदि महिलाएं सुबह एक-दो मुट्ठी काले तिल का सेवन करें, तो उनकी माहवारी संबंधी गड़बड़ी दूर हो जाती है और त्वचा भी सुंदर और स्वस्थ बनती है।
* 50 ग्राम गुलकंद और 20 ग्राम सौंफ चबाकर खाएं और ऊपर से एक गिलास दूध नियमित रूप से पीएं। इससे बांझपन की शिकायत दूर होती है।
* 5 ग्राम की मात्रा में त्रिफलाघृत सुबह-शाम सेवन करने से गर्भाशय की शुद्धि होती है जिससे स्त्री गर्भधारण करने योग्य हो जाती है।