Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

'अच्छे लड़के' नहीं, इसलिए अंडाणु फ्रीज़ कर रही महिलाएं

हमें फॉलो करें 'अच्छे लड़के' नहीं, इसलिए अंडाणु फ्रीज़ कर रही महिलाएं
, गुरुवार, 6 जुलाई 2017 (12:12 IST)
एक अमेरिकी स्टडी का दावा है कि शादी के लिए शिक्षित पुरुषों की कमी के कारण पेशेवर महिलाएं अपना अंडाणु निकालकर फ़्रीज़ करवा ले रही हैं। येल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का मानना है कि महिलाएं ख़ूब पढ़ रही हैं और ग्रैजुएट महिलाओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
 
पढ़ाई के बाद इन महिलाओं को योग्य जीवनसाथी की तलाश में काफ़ी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में ये महिलाएं नहीं चाहती हैं कि उन्हें ज़्यादा उम्र होने के कारण बच्चा पैदा करने में कोई समस्या हो, इसलिए वे अपना अंडाणु निकलवाकर फ़्रीज़ करवा ले रही हैं। इन शोधकर्ताओं का कहना है कि जिन देशों में ज़्यादा महिलाएं यूनिवर्सिटी जा रही हैं वहां योग्य पुरुषों की भारी कमी है। ब्रिटेन में भी ऐसा है। शोधकर्ताओं ने उन 150 महिलाओं का इंटरव्यू लिया है जिन्होंने अपना अंडाणु फ़्रीज़ करवाया है।
 
इनमें से 90 फ़ीसदी महिलाओं का कहना है कि उन्हें कोई अच्छा-सा लड़का नहीं मिला। लेखक प्रोफ़ेसर मार्सा इनहोन ने कहा कि यह रिसर्च उस अवधारणा को चुनौती देता है जिसमें कहा जाता है कि महिलाएं नौकरी की प्राथमिकता के कारण मां नहीं बनना चाहती हैं।
 
उन्होंने कहा, ''व्यापक रूप से मीडिया में इस बात को कवरेज मिलती है कि शिक्षा और करियर की महत्वाकांक्षा के कारण पेशेवर महिलाएं मां नहीं बनना चाहती हैं। कहा जाता है कि इनका करियर की तरफ़ झुकाव ज़्यादा होता है।'' उन्होंने कहा, ''सच यह है कि महिलाएं अपनी प्रजनन क्षमता ख़त्म होने से पहले इसे सुरक्षित रखने को लेकर जागरूक हैं। वे ऐसा इसलिए कर रही हैं कि सिंगल हैं।''
 
स्विटज़रलैंड के जेनेवा में यूरोपियन सोसाइटी ऑफ ह्यूमन रिप्रोडक्शन एंड एंब्रियोलॉजी कॉन्फ़्रेंस में बोलते हुए प्रोफ़ेसर मार्सा ने कहा कि महिलाओं के लिए पर्याप्त ग्रैजुएट लड़के नहीं हैं। ज़्यादातर महिलाओं का अमेरिका और इसराइल के आठ आईवीएफ़ क्लिनिकों में इलाज़ हुआ था और इनसे जून 2014 से अगस्त 2016 के बीच इंटरव्यू किया गया था।
 
इन महिलाओं ने कहा कि वो एक शिक्षित पुरुष की तलाश नहीं कर पाईं जिसमें पारिवारिक जीवन के प्रति प्रतिबद्धता हो। प्रोफ़ेसर मार्सा ने कहा कि महिलाओं के जीवन में उन पुरुषों की कमी है जिन्हें वो योग्य समझती हैं। इसलिए वे अपना एग फ़्रीज करवा ले रही हैं ताकि बाद में उन्हें मां बनने में कोई समस्या नहीं हो।
 
''शायद मैं एक दिन कड़वाहट से भर जाऊं''
जनवरी 2014 में एक महिला ने अपना एग फ़्रीज़ कराया था। उस महिला ने एग निकालने के वाकये को याद करते हुए बताया कि उन्हें ख़ुद पर तरस आ रहा था और वह दुखी थीं। लंदन की 39 साल की इस महिला को यकीन था कि उनका बॉयफ्रेंड अकेला है। उन्होंने आगे कहा, ''मुझे तब बच्चे के बारे में नहीं सोचना था। मैं भी बच्चा नहीं चाहती थी और मुझे पता है कि वो भी नहीं चाहता था।''
 
जब महिला को यह एहसास हुआ कि जिस आदमी के बारे में वह अपने बच्चों के बाप होने को लेकर सोचती थी वह वापस नहीं आया तो हैरानी के सिवा कुछ बचा नहीं था।
 
अंडा फ़्रीज़ करवाना इतना आसान नहीं
ब्रेकअप के बाद से इस महिला को अंडाणु फ़्रीज़ कराने में 1171870 रुपए (£14,000) खर्च करने पड़े। उन्होंने एक स्पर्म डोनर से इस सुरक्षित अंडाणु के ज़रिए मां बनने की कोशिश आईवीएफ़ से की। हालांकि यह कोशिश नाकाम रही। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि बिना बच्चे के वह एक दिन कड़वाहट से भर जाएंगी।
 
उन्होंने कहा कि फ़्रीज़ किए अंडाणु का कोई मतलब नहीं था। हालांकि उन्होंने कहा, ''मुझे इसमें क्या बताया गया? गिन-चुने सात अंडाणु थे जिसमें एक-एक आईवीएफ़ में फ़ेल हो गया और गर्भवती नहीं हो पाई। एलिस ने अपने इस अनुभव को ब्लॉग में लिखा है। उन्होंने लिखा है, ''मुझे पता है कि जो यह क़दम उठा रही हैं वो बच्चा चाहती हैं, लेकिन वे बच्चा मन पंसद की रिलेशनशिप से चाहती हैं। वे इस बात को लेकर जागरूक हैं कि इसमें अवसर की थोड़ी ही संभावना होती है।
 
फ़्रीज़ किए अंडाणु से गर्भ धारण की दर निराशाजनक
ब्रिटिश फ़र्टिलिटी सोसाइटी के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर ऐडम बलेन का कहना है कि ब्रिटेन के समाज में बड़ा परिवर्तन देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि ज़्यादातर शिक्षित महिलाएं पारिवारिक जीवन देर से शुरू कर रही हैं। उन्होंने कहा, ''मैं अपने क्लिनिक में निश्चित तौर पर देख रहा हूं कि पहले के मुक़ाबले अब ज़्यादा उम्र की महिलाएं फ़र्टिलिटी का इलाज कराने बड़ी संख्या में पहुंच रही हैं।
 
ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी में लैंगिक असंतुलन भी देखने को मिल रहा है। 2015-16 में ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी में 56 फ़ीसदी महिलाएं थीं और 44 फ़ीसदी पुरुष। प्रोफ़ेसर बलेन ने चेतावनी दी है कि अंडाणु को फ़्रीज़ करना दर्द से भरा और मंहगी प्रक्रिया हो सकती है। उन्होंने कहा कि भविष्य के गर्भ के लिए अंडाणु फ़्रीज़ करने के फ़ैसले को इतना आसान नहीं समझना चाहिए।
 
उन्होंने कहा, ''अंडाणु फ़्रीज़ की करने की टेक्नॉलजी का ठीक होना अच्छी बात है लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं है कि उस अंडाणु से बच्चा पैदा हो ही जाएगा। अंडाणु को निकलवाना एक कठिन प्रक्रिया है और इसमें कई तरह का जोखिम होता है।''
 
ब्रिटेन में अंडाणु फ़्रीज़ करने का चलन बढ़ा है, लेकिन इन अंडाणुओं के ज़रिए गर्भ धारण करने की दर निराशाजनक रही है। 2014 में 816 महिलाओं ने अपने अंडाणु फ़्रीज़ कराए। यह 2013 के मुक़ाबले 13 फ़ीसदी ज़्यादा है। अंडे भ्रूण से अधिक नाज़ुक होते हैं। इन्हें लंबे समय तक रखना मुश्किल है। फ़्रीज़ किए अंडाणु से 2013 में गर्भ धारण की दर 21.9% थी जो 2014 में 22.2% रही।

हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

भीषण गर्मी का प्रकोप दुनिया को ले डूबेगा