Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

होली के नियम : जलती हुई होली भूलकर भी न देखें ये लोग, जानिए क्यों है निषेध

हमें फॉलो करें होली के नियम : जलती हुई होली भूलकर भी न देखें ये लोग, जानिए क्यों है निषेध
, शनिवार, 12 मार्च 2022 (16:59 IST)
Holi 2022: फाल्‍गुन मास की पूर्णिमा यानी 17 मार्च को होलिका दहन होगा और उसके अगले दिन रंगवाली धुलेंडी मनाई जाएगी। फिर 22 मार्च को रंगपंचमी का त्योहार रहेगा। मान्यता के अनुसार होलिका दहन के दिन होलिका की पूजा के दौरान कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए। आओ जानते हैं कि क्या है वे नियम।
 
 
1. भद्रा में नहीं होता है पूजन : किसी भी प्रकार का पूजन भद्राकाल में नहीं होता है। भद्रा पूंछ रात 09:06 बजे से 10:16 मिनट तक रहेगा। वहीं भद्रा मुख 17 मार्च की रात 10:16 बजे से मध्‍यरात्रि 12:13 बजे तक रहेगा। दहन करने का शुभ मुहूर्त 17 मार्च 2022 की रात 09:06 बजे से 10:16 मिनट तक रहेगा. यानी कि होलिका दहन के लिए केवल 1 घण्टा 10 मिनट का समय मिलेगा।
 
2. नवविवाहित न देखें होली : नवविवाहित लड़कियों के लिए होलिका दहन की आग को देखना मना है क्योंकि होलिका दहन की अग्नि को जलते हुए शरीर का प्रतीक माना जाता है। यानी कि आप अपने पुराने साल के शरीर को जला रहे हैं। इसलिए नवविवाहित महिलाओं के लिए होलिका की अग्नि को देखना ठीक नहीं माना जाता है। यह उनके वैवाहिक जीवन के लिए ठीक नहीं होता है।
 
 
3. गर्भवती महिला या प्रसूता महिला न देखें होली : गर्भवती महिलाओं को होलिका की परिक्रमा नहीं करनी चाहिए और न ही उन्हें होली की अग्नि को देखना चाहिए। ऐसा करना गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। यह भी कहा जाता है कि वे महिला भी इन नियमों का पालन करें जो हाल ही में मां बनी हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

होली से पहले आती है रंगभरी एकादशी, भोलेनाथ खेलते हैं मां पार्वती के साथ होली