हिन्दी कविता : निशा

गिरधर गांधी
निशा कि दर्शाई हुई नई दिशा कि ओर
ख्वाबों के खातिर आंखे मींंचकर चलने लगा
ख्वाहिशों के घने जंगलों से गुजरता हुआ
जोश के जश्न का शोर
या कहीं तसल्ली का तराना

आश्ना का आलाप
टपकती हुई अत्र की बूंदे
मुहब्बत से भरी झील
एेेतबार का झरना
जिगर की जुुबानी
गवाह में पशु-प्राणी

आसरा का आसमां 
सुकून के सितारे 
रोमांचित रहस्य
परछाई के सहारे 
निशा कि दर्शाई हुई नई दिशा कि ओर
आगे-ही-आगे बढ़ता गया 
आखिर मैं अंधेरा 
निशा के आगोश में 
खयालों में खो गया
भोर समय
हल्की सी रोशनी की शहनाई ने
भगा दिया ...
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

इस Festive Season, इन DIY Ubtans के साथ घर पर आसानी से बनाएं अपनी स्किन को खूबसूरत

दिवाली पर कम मेहनत में चमकाएं काले पड़ चुके तांबे के बर्तन, आजमाएं ये 5 आसान ट्रिक्स

दिवाली पर खिड़की-दरवाजों को चमकाकर नए जैसा बना देंगे ये जबरदस्त Cleaning Hacks

जानिए सोने में निवेश के क्या हैं फायदे, दिवाली पर अच्छे इन्वेस्टमेंट के साथ और भी हैं कारण

दीपावली की तैयारियों के साथ घर और ऑफिस भी होगा आसानी से मैनेज, अपनाएं ये हेक्स

सभी देखें

नवीनतम

संत गोस्वामी तुलसीदास जी कौन थे, जानें उनका जीवन और 10 अमूल्य कथन

इस दिवाली बस इस एक ब्यूटी सीक्रेट से मिलेगा घर पर ही पार्लर से बढ़कर निखार

फ्यूजन फैशन : इस दिवाली साड़ी से बने लहंगे के साथ करें अपने आउटफिट की खास तैयारियां

दिवाली पर आपके घर की सुन्दरता में चार चांद लगा सकती हैं ये लाइट्स

अपने बेटे को दीजिए ऐसे समृद्धशाली नाम जिनमें समाई है लक्ष्मी जी की कृपा

अगला लेख
More